साजिशकर्ता सोनीपत से कर रहा था पूरे मामले को ऑपरेट सीबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आरोपियों को जेईई मेंस की ऑनलाइन परीक्षा में हेराफेरी ( JEE Mains Scam ) करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। आरोपी इच्छुक छात्रों को देश के टॉप एनआईटी में प्रवेश दिलाने में मदद का भरोसा दिया था। इसके बदले उम्मीदवारों ने बड़ी रकम देने का वादा किया था। सौदे के तहत साजिशकर्ता सोनीपत में एक चुने हुए परीक्षा केंद्र से रिमोट एक्सेस के माध्यम से आवेदक के प्रश्न पत्र को हल कर रहा था।
CBI ने 1 सितंबर को किया मामला दर्ज इस मामले में सीबीआई ने 1 सितंबर 2021 को एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों सिद्धार्थ कृष्णा, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली, एनसीआर, पुणे और जमशेदपुर में 20 स्थानों पर छापेमारी की और सात लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों और कुछ अज्ञात के खिलाफ जांच जारी है। अधिकारियों के मुताबिक इनमें से कम से कम एक साजिशकर्ता बिहार का है।
25 लैपटॉप और 30 पोस्ट डेटेड चेक बरामद केंद्रीय जांच ब्यूरों के अधिकारियों ने छापे के दौरान 25 लैपटॉप, सात कंप्यूटर, लगभग 30 पोस्ट-डेटेड चेक के साथ-साथ भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और विभिन्न छात्रों की पीडीसी की मार्कशीट सहित अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं।
जेईई मेंस ( JEE Mains ) की परीक्षा बीटेक इंजीयरिंग में प्रवेश के लिए मेरिट तय करने के मकसद से आयोजित करवाई जाती है। इस साल चार चरणों में यह परीक्षा करवाई गई है। हर चरण में करीब 6 लाख से लेकर सात लाख तक उम्मीदवार परीक्षा में शामिल है।