नक्सलियों की पहली साजिश
दरअसल इस घटना के कुछ घंटे पहले संदिग्ध नक्सलियों ने कुरखेड़ा तहसील के दादरपुर गांव में कम से कम 36 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। सड़क निर्माण में लगी गाड़ियों और कांट्रेक्टर के दो कार्यालयों को जलाए जाने इलाके में हरकत होने लगी। नक्सलियों को पहले से उम्मीद थी कि अगजनी की घटना पर सुरक्षाबलों की नजर जरुर जाएगी।
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नक्सलियों की दूसरी साजिश
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि महाराष्ट्र पुलिस के सी-60 बल के कमांडो ऐसी जगह जा रहे थे, जहां नक्सली गतिविधियों की रिपोर्ट मिली थी। जवानों का रास्ता रोकने के लिए नक्सलियों ने जंगली इलाकों में कई जगह पेड़ गिरा दिए थे। सी-60 का काफिला जब सुनसान रास्ते पर पहुंचा तो गाड़ियों को अचानक रोकना पडा। जवान जैसे ही सड़क से पेड़ हटाने के लिए उतरे, धमाका हो गया।
नक्सलियों को देंगे माकूल जवाब: महाराष्ट्र पुलिस
महाराष्ट्र पुलिस के महानिदेशक सुबोध जयसवाल ने कहा कि 15 कर्मियों को ले जा रहा एक सुरक्षा वाहन बारुदी सुरंग विस्फोट की चपेट में आ गया और इसके साथ ही एक निजी वाहन भी इसकी जद में आ गया। सबसे दुखद यह है कि हमने अपने 15 जवानों को खो दिया। जो भी किया जाना चाहिए, वह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये हमला हमारे हौंसले नहीं तोड़ सकता है। नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में कोई फर्क नहीं पड़ेगा और हम इसका माकूल जवाब देंगे।
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बंपर वोटिंग के बौखलाए नक्सली: सुधीर मुनगंटीवार
महाराष्ट्र ( Maharashtra government ) के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने मीडिया से कहा कि यह एक ‘भीषण हादसा’ है और यह उस दिन हुआ है जब पूरा राज्य महाराष्ट्र दिवस मना रहा है। मुनगंटीवार ने कहा कि नक्सली गढ़चिरौली-चिमुर लोकसभा सीट पर भारी संख्या में लोगों के मतदान करने से गुस्से में थे और इसलिए उन्होंने इस तरह की घटना को अंजाम दिया है।
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