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भुवनेश्वर: पीएम मोदी के दौरे से पहले BJP कार्यकर्ता की हत्या, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा- बुलेट से नहीं बैलट से देंगे जवाब योगेन्द्र साव के खिलाफ 33 मुकदमे दर्ज सुप्रीम कोर्ट ने योगेन्द्र साव को जमानत शर्तों का उल्लंघन के कारण आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था। जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब साढ़े 10 बजे योगेन्द्र साव रांची सिविल कोर्ट पहुंचे और आत्मसमर्पण कर दिया। झारखंड के पूर्व मंत्री के खिलाफ हजारीबाग, चतरा और रामगढ़ के विभिन्न थानों में उग्रवादी गतिविधियों में संलिप्त रहने, आर्म्स एक्ट, हत्या का प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा, रंगदारी, चोरी समेत 33 मामले दर्ज हैं। इनमें कई मामलों में उन पर संगीन आरोप हैं। यहां आपको बता दें कि योगेन्द्र साव की पत्नी कांग्रेस विधायक निर्मला देवी पर भी आठ मामले दर्ज हैं। सभी मामले बड़कागांव थाने में दर्ज हैं। पहला मामला इन पर 14 अगस्त 2015 में दर्ज किया गया था।
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शरद यादव का चौंकाने वाला बयान, कहा- फिर मोदी जीते तो मेरी हत्या करवा देंगे साव के खिलाफ 1990 में दर्ज हुआ था पहला मुकदमा योगेन्द्र साव के खिलाफ 1990 में पहला मामला दर्ज हुआ और 2019 तक उनके खिलाफ मकदमा जारी है। इन पर साजिश रचने, हत्या का प्रयास सहित कई आरोप लगाए गए हैं। गिद्दी थाना कांड संख्या 55-11 में रंगदारी मांगने का मामला दर्ज हुआ था। जिसमें निचली अदालत ने योगेंद्र साव को ढाई साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने फिलहाल मामले में राहत देते हुए जमानत की सुविधा प्रदान की है। उनकी अपील हाई कोर्ट में लंबित है, जिस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है। इससे पहले कोर्ट ने उन्हें जमानत देते भोपाल में रहने का आदेश दिया था।