प्रवर्तन निदेशालय इस बात की जांच कर रहा है कि क्या यस बैंक प्रमोटर राणा कपूर और उनकी दो बेटियों की डमी कंपनी अर्बन वेंचर्स को घोटालेबाजों से 600 करोड़ रुपए कैसे मिले। भ्रष्टाचार में लिप्त डीएचएफएल ( DHFL ) ने बैंक द्वारा दिए गए 4,450 करोड़ रुपए के लिए इस कंपनी को पैसे दिए थे, जिसकी जांच की जा रही थी।
ईडी अधिकारियों ने कहा कि यस बैंक ने डीएचएफएल को 3,750 करोड़ रुपए का ऋण और डीएचएफएल द्वारा नियंत्रित फर्म आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स को 750 करोड़ रुपए का एक और ऋण दिया था।
शाहीन बाग में गोलियां चलाने के आरोपी कपिल गुर्जर को मिली जमानत ईडी के अधिकारियों के मुताबिक इन दोनों कंपनियों द्वारा लोन नहीं चुकाने के बावजूद दोनों के खिलाफ यस बैंक ने कार्रवाई नहीं की। इसलिए कपूर और उनकी दो बेटियों पर ईडी के अधिकारियों को अनियमितता में लिप्त होने का संदेह है। राणा कपूर की दोनों बेटियां डूइट अर्बन वेंचर्स के निदेशक हैं।
बताया जा रहा है कि उन्होंने कार्रवाई नहीं करने के लिए डीएचएफएल से पैसे लिए। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को इस बात का संदेह है कि 4,450 करोड़ रुपए की यह राशि उस 13,000 करोड़ रुपए का हिस्सा है जो डीएचएफएल की ओर से 79 डमी कंपनियों को कथित तौर पर दी गई। इन्ही कंपनयों में अर्बन वेंचर्स भी शामिल है।
26 मार्च को होगा राज्यसभा की 55 सीटों पर चुनाव, जानिए किसमें हैं कितना दम? जांच में इस बात की जानकारी मिलने के बाद ईडी के अधिकारियों ने राणा कपूर को गिरफ्तार करने का फैसला लिया। अब ईडी के अधिकारी राणा कपूर की बेटियों के बयान भी दर्ज करेंगे और कपूर परिवार के वित्तीय लेनदेन की भी जांच की जाएगी।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने शुक्रवार देर शाम से राणा कपूर से पूछताछ शुरू कर दी थी। उन्होंने सुबह तक पूछताछ जारी रखी और शनिवार को सुबह 11 बजे के आसपास उन्हें आगे की जांच के लिए बलार्ड एस्टेट में एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में ले गए। इसके बाद उन्हें शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात 3 बजे गिरफ्तार कर लिया गया।