प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को बताया कि शब्बीर शाह पाकिस्तान के आतंकवादियों के संपर्क में था और हवाला के माध्यम से उसे कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए पैसे मिले थे। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि हम इस बात को साबित करने वाले कई मेल हासिल करने की प्रक्रिया में हैं जिनसे यह साबित होगा कि विदेश से मिले पैसों से कश्मीर में आतंक फैलाया जाता था। इसी संदर्भ में हम मेल की जांच भी करेंगे। हमें शाह का उसके सहयोगियों से सामना भी कराना है क्योंकि वह अपने होटल के खाते में करोड़ों रुपए का दान हासिल कर रहा था।
साल 2010 में एक स्थानीय अदालत ने वाणी को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया, लेकिन आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह साबित करने के सबूत पर्याप्त नहीं हैं। बचाव पक्ष ने शाह पर लगे आरोपों को खारिज करने को कहा, लेकिन अदालत ने कहा कि ईडी अभी भी शाह के खिलाफ आरोपों की जांच कर सकता है।
दरअसल, अगस्त 2005 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने असलम वानी को गिरफ्तार किया था। असलम पर हवाला कारोबार से जुड़े होने का आरोप है। आरोप है कि असलम ने शब्बीर शाह को अलग-अलग वक्त पर कुल 2.25 करोड़ रुपए दिए। जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिग एक्ट के तहत शब्बीर शाह और असलम वानी के खिलाफ केस दर्ज किया था। वानी को 63 लाख की नकदी के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया गया था। पुलिस का दावा था कि वानी के पास ये पैसा हवाला के जरिए मध्य एशिया से आया है। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में असलम वानी ने 63 में से 50 लाख रुपए शब्बीर शाह को देने की बात कबूली की थी। साथ ही पुलिस ने ये भी दावा किया था कि असलम को इनमें से 10 लाख रुपए श्रीनगर में जैश-ए मोहम्मद के एरिया कमांडर अबु बकर को दिए जाने थे। ईडी तमात खातों की जानकारी निकालने के लिए शाह से पूछताछ कर रही है।