खोजी कुत्तों पर बड़ी जिम्मेदारी
दुधवा टाइगर रिजर्व की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के इकलौते दुधवा नेशनल पार्क इन दिनों जंगल और जानवरों को नुकसान पहुँचने वाले अपराधों पर लगाम कसने की बड़ी मुहिम चला रही है। यह टाइगर प्रोजेक्ट का खाखा तैयार हो चुका है। इस प्रॉजेक्ट में पार्क सुरक्षा बल जवान भी शामिल है। अभी पर्याप्त जवान दुधवा पहुँच चुके है। इसके इलावा और भी जवानों का आना बाकी है। इन जवानों को शिकार और वन अपराध रोकने के लिए टाइगर रिजर्व और कर्तनिया घाट सेंचुरी में तैनात किया गया है। वन विभाग और वर्ल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो क्राइम रोकने के लिए खास किस्म के खोजी कुत्तों की तैनाती करने की तैयारी में है। नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा की वजह से हमेशा यहाँ खतरा बना रहता है। यहां जंगली जानवरों को शिकारियों ने हमेशा अपना शिकार बनाया है। लेकिन इन दोनों ग्वालियर में ट्रेनिंग कर रहे खोजी कुत्तों के आ जाने के बाद शायद शिकारियों को अपने इरादे को बदलना पड़ेगा। बहुत जल्द ही अपनी ट्रेनिंग समाप्त कर यह खोजी कुत्ते दुधवा टाइगर रिजर्व में अपनी ड्यूटी जॉइन करेंगे। दुधवा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर महावीर काजोल कहते हैं। कि जंगल और जंगली जानवरों को सबसे ज्यादा खतरा शिकारियों से रहता है। इन खोजी कुत्तों के आने से दुधवा में सुरक्षा और मजबूत होगी। उन्होंने बताया है कि अभी दो लेब्रा डॉग दुधवा टाइगर रिजर्व में तैनात किए जाएंगे। एक दुधवा कैम्पस में तो दूसरा बहराइच जिले में पढ़ने वाले कर्तनिया वन्यजीव विहार में तैनात किया जाएगा। 11 महीने की दोनों की ट्रेनिंग ग्वालियर में चल रही है। जो कि जल्दी पूर्ण होने वाली है।