इस घटना को लेकर अक्सर मीडिया से बात करने वाली परिवार की रिश्तेदार सुजाता ने कहा कि घर में लगी 11 पाइपों और मौत का कोई कनेक्शन नहीं है। सुजाता ने कहा कि परिवार के लोग किसी काले जादू और तंत्र-मंत्र की वजह से नहीं बल्कि वेंटिलेशन और सोलर प्रोजेक्ट के लिए लगाया गया था। सुजाता ने कहा कि पुलिस की गलत जानकारी की वजह से मीडिया ने मेरे परिवार को अंधविश्वासी घोषित कर दिया है। बार बार बताया जा रहा है कि भाटिया परिवार ने अंधविश्वास में आकर मौत को गले लगा लिया जो पूरी तरह गलत है। सुजाता ने कहा कि उनके परिवार की हत्या की गई है। पुलिस जांच से बचने के लिए इसे आत्महत्या और तंत्र-मंत्र का नाम दे रही है।
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गैस निकलने के लिए लगी थी पाइप: भाईइस घटना के तीन दिन बार राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में रहने वाले तीसरे भाई दिनेश भी सामने आए हैं। दिनेश ने भी कहा कि उनका परिवार किसी भी बाबा के चक्कर में नहीं था। रही बात मकान में लगे 11 पाइपों की, तो उसका मोक्ष से कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल उनके भाई प्लाईवुड का काम करते थे, जिसका गोदाम घर के अंदर ही है। इस वजह से घर में काफी गैस बनती थी और इसी को निकाले के लिए 11 पाइप लगाए गए थे।
मृतकों में नारायण देवी के दो बेटे भवनेश भाटिया (50) और ललित भाटिया (45) और दो बेटियां प्रतिभा (57) और पिछले महीने सगाई हुई प्रियंका (33) के अलावा भवनेश की पत्नी सविता (48) और उनकी तीन संतानें नीतू (25), मोनू (23), ध्रुव (15) और ललित की पत्नी टीना और उनका बेटा शिवम (15) शामिल हैं।