पूजा था बड़ा हथियार
परिवार को वश में करने के लिए ललित का सबसे बड़ा हथियार था पूजा-पाठ। जी हां ललित रोजाना दिन में तीन बार एक विशेष पूजा करता था। उसकी इस पूजा में परिवार के सदस्य भी मौजूद रहते थे। इसी पूजा से उसने पूरे परिवार को अपना फॉलोवर बना लिया था। उसकी इस पूजा (तंत्र-मंत्र) में कुछ ऐसे अनुष्ठान थे, जिसके चलते परिजन उसकी हर बात बिना सोचे समझे मान लेते थे।
तय था पूजा का वक्त
घर से मिली डायरी में लिखी बातों पर यकीन करें तो ललित की दिनचर्या काफी चौंकाने वाली थी। उसकी सोच और उसके काम बहुत ही अलग थे। डायरी में इस बात की जिक्र किया गया है कि ललित दिन में विशेष पूजा करता था जिसका समय भी तय था। वो दिन सुबह 8 बजे, दोपहर 12 बजे और राज में 10 बजे तीसरी बार पूजा करता था। ललित की इस पूजा के वक्त और बाद में भी परिवार उसका अनुसरण करता था।
मृत पिता से करता था बातचीत
ललित का व्यक्ति पूरी तरह संदेह से भरा हुआ था। घर से मिले रजिस्टरों में ललित काफी कुछ लिखा है। इस रजिस्टर में लिखी बातों पर गौर करें तो 2011 से ही ललित अपने मृत पिता से बातें करता था। चौंकाने वाली बात ये है कि उसके बात करने का जरिया सपने थे। जी हां ललित अपने सपनों में मृत पिता से बातें करता था और उनसे मिले निर्देशों को मानता था। ऐसा फिल्मों में तो आपने कई सुना होगा, लेकिन हकीकत में शायद पहली बार आप ये बात पढ़ रहे होंगे।
ललित ने पूरे परिवार को भरोसा दिलाया था कि वट पूजा यानी बरगद की पूजा कर के सब परमात्मा से मिल कर वापस आ जाएंगे और सामान्य जिंदगी जीएंगे। पूरा आध्यात्मिक परिवार ललित के इस अंधविश्वास की बातों में आ गया और खुशी-खुशी से बच्चों समेत पूरा परिवार वट पूजा करने के लिए तैयार हो गया।