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ब्रह्मोस जासूसी मामला: न्यायिक हिरासत में भेजा गया निशांत अग्रवाल, अब बैंक खातों की होगी जांच

निशांत अग्रवाल पर आरोप है कि उसने भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की खुफिया जानकारी पाकिस्तान से साझा की हैं।

Oct 16, 2018 / 09:57 pm

Chandra Prakash

Brahmos spy case

ब्रह्मोस जासूसी मामला: न्यायिक हिरासत में भेजा गया निशांत अग्रवाल, अब बैंक खातों की होगी जांच

नई दिल्ली। संदिग्ध जासूसी मामले में गिरफ्तार ब्रह्मोस एयरोस्पेस के वरिष्ठ सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। निशांत पर आरोप है कि उसने ब्रह्मोस मिसाइल की डिजाईन, स्केच, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, तकनीकी जानकारियां पाकिस्तान से साझा की हैं। यूपी एसआईटी अब उसके सभी बैंक खातों की जांच कर रही है।

निशांत के पास मिली थी मिसाइल की सीक्रेट जानकारी

निशांत अग्रवाल को उत्तर प्रदेश एटीएस और सैन्य खुफिया की टीम ने 8 अक्टूबर को ब्रह्मोस के वर्धा रोड केंद्र से गिरफ्तार किया था। उसपर पाकिस्तान की जासूसी का आरोप है। इसी बीच ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने भी पुष्टि की है कि निशांत के निजी कंप्यूटर से बरामद दस्तावेज जो सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की गोपनीय जानकारी थी, वे उसे रखने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था। वे ब्रह्मोस मिशन से निशांत 2013 में जुड़ा था।

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लैपटॉप स्क्रीन की रिकॉर्डिंग की जांच जारी

निशांत अग्रवाल के लैपटॉप की स्क्रीन रिकॉर्डिंग की जांच जा रही है। उसके लैपटॉप में ब्रम्होस मिसाइल व ब्रम्होस संस्थान से जुड़ी जानकारी पीडीएफ फाइल के रूप में सुरक्षित नजर आई, जिनके पन्नों पर लाल रंग से सीक्रेट अंकित है। एटीएस ये जानने की कोशिश कर रही है कि निशांत अब तक कितने दस्तावेज पाकिस्तान भेज चुका है।

यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से किया गया था सम्मानित

निशांत अग्रवाल डीआरडीओ में साइंटिस्ट है। वर्तमान में वह ब्रह्मोस की नागपुर यूनिट में काम कर रहा था। उसे 2017-18 यंग साइंडिस्ट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। लेकिन, उस पर आरोप है कि वह ब्रह्मोस संबंधी तकनीकी और अन्‍य खुफिया जानकारियां पाकिस्‍तान और अमेरिका को पहुंचा रहा था। निशांत को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत पकड़ा गया। बताया जा रहा है कि निशांत नागपुर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में चार साल से काम कर रहा था। आरोपी के पास भारत की अति महत्वपूर्ण ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल से जुड़ी सीक्रेट जानकारियों की पहुंच थी।

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