पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ANMCH में इलाज के बाद बांकेबाजार के रौशनगंज की गर्भवती महिला घर लौट आई।
तीन दिन बाद ही उस महिला की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद पीड़ित परिजनों ने अस्पताल के ही एक कर्मचारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया।
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पुलिस के मुताबिक, बांकेबाजार प्रखंड के रौशनगंज की एक गर्भवती महिला को पेट में दर्द होने के बाद एएनएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में 27 मार्च को भर्ती कराया गया था।
आरोप है कि 2 दिनों के बाद इसे कोरोना वार्ड (आइसोलेशन वार्ड) में शिफ्ट कर दिया गया, जहां अन्य कोई भी मरीज नहीं था।
इस बीच महिला की तबीयत ठीक हो गई और दो अप्रैल को अपने घर रौशनगंज लौट आई। छह मार्च को उसकी मौत हो गई।
इस बीच मृतका की सास का आरोप है कि अस्पताल के कोरोना वार्ड में रहने के दौरान बहू के साथ वहां के माथे पर टिका लगाए एक स्वास्थ्यकर्मी के द्वारा लगातार दो दिनों तक दुष्कर्म किया गया।
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दुष्कर्म की वजह से उसे ब्लीडिंग होने लगी और उसका पेट में पल रहा बच्चा खराब हो गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी के द्वारा की गई गंदी हरकतों के बारे में बहू ने मुझे बताया था।
इधर, गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने रविवार को बताया कि पीड़िता के परिजनों के बयान के आधार पर इस मामले की एक प्राथमिकी आठ अप्रैल को मेडिकल थाना में दर्ज कर ली गई है।
इस मामले की जांच पुलिस अधीक्षक (नगर) कर रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया कि यह दुष्कर्म का मामला नहीं, बल्कि यौन उत्पीड़न का मामला है। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
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