अमरावती व्यवसायी की हत्या के मामले में पुलिस अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, हालांकि हत्या के पीछे के मकसद के बारे में पुलिस ने ज्यादा जानकारी नहीं दी है। लेकिन स्थानीय बीजेपी नेताओं का दावा है कि उमेश कोल्हे की हत्या भी निलंबित बीजेपी नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी वाले पोस्ट से संबंधित हो सकती है. इसलिए पुलिस को इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए हत्या की जांच करनी चाहिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उमेश कोल्हे 21 जून की रात अपनी मेडिकल शॉप से स्कूटी से लौट रहे थे, तभी उन पर धारदार हथियार से हमला कर उनकी हत्या कर दी गई. घटना के समय उमेश पर बाइक सवार तीन लोगों ने हमला किया। घटना के वक्त उमेश का बेटा और पत्नी भी दूसरी बाइक से उनके पीछे ही आ रहे थे।
पुलिस ने बताया कि कोल्हे पर हमला उनके बेटे और उनकी पत्नी की मौजूदगी में हुआ। लहूलुहान उमेश को उसका बेटा तुरंत अस्पताल ले गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शुरुआती जांच में पुलिस को लगा कि इस हत्या के पीछे का मकसद डकैती है, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी तो मामला कुछ और ही लगने लगा. दरअसल हमले के समय उमेश के पास एक बैग में 35,000 रुपये थे, लेकिन हमलावरों ने उनके बैग को छुआ तक नहीं था। और मौके से तुरंत चले गए थे.
हत्या के तरीके से स्पष्ट था कि वे बस उमेश की जान लेना चाहते थे. इस हत्या के रहस्य को जानने के लिए पुलिस ने चार विशेष टीमें गठित की है। इस हत्याकांड में शामिल होने के आरोप में 23 जून को पुलिस ने सबसे पहले मुदस्सर अहमद और शाहरुख पठान को गिरफ्तार किया था. उनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने अब्दुल तौफीक शेख और शोएब खान को गिरफ्तार कर लिया और बाद में अतीक राशिद भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस को शक है कि इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड अभी फरार है।
तीन आरोपियों की रिमांड बुधवार को खत्म हो रही है। लेकिन पुलिस से इन आरोपियों ने पूछताछ के दौरान क्या बताया इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, साथ ही हत्या की जांच के डिटेल्स के बारे में भी पुलिस ने नया खुलासा नहीं किया है।