युवराज सिंह ने टीआरएस क्लीप पर एक चैट शो के दौरान कहा कि वह और धोनी कभी क्लोज फ्रेंड नहीं रहे। हम सिर्फ क्रिकेट खेलने के कारण ही दोस्त थे। धोनी और मेरी लाइफ स्टाइल में बहुत अंतर था। इसीलिए हमारी करीबी दोस्ती नहीं थी। उन्होंने कहा ये जरूरी नहीं कि साथी खिलाड़ी मैदान के बाहर आपका बेस्ट फ्रेंड हो। हर किसी का जीवन जीने का अंदाज अलग होता है।
‘हम दोनों में होते थे मतभेद’
युवराज सिंह ने कहा कि हम जब भी मैदान पर उतरते तो देश के लिए सौ प्रतिशत देते थे। धोनी कप्तानी और मेरी उपकप्तानी के दौरान हमारे फैसलों में मतभेद होता था। उनके कुछ निर्णय मुझे पसंद नहीं होते थे और उन्हें मेरे। ये हर टीम में होता है। युवराज ने बताया कि एक बार उन्होंने धोनी के शतक में सहायता की थी और धोनी ने भी एक बार मेरी फिफ्टी में मदद की थी।
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करियर के आखिरी पड़ाव में धोनी से ली थी सलाह
युवराज सिंह ने यह भी बताया कि जब वह करियर के आखिरी पड़ाव पर थे, तब वह अपने भविष्य को लेकर स्पष्ट नहीं थे। इस पर उन्होंने धोनी से सलाह मांगी तो उन्होंने कहा कि फिलहाल चयन समिति मेरे बारे में नहीं सोच रही है। मैं वास्तविक स्थिति जानना चाहता था। ये 2019 के वर्ल्ड कप से ठीक पहले का मामला है। युवी ने आगे कहा कि हम दोनों रिटायर हो चुके हैं और अब जब भी मिलते हैं तो दोस्तों की तरह ही मिलते हैं।