वर्ष 2014 में इंग्लैंड दौरे के दौरान विराट कोहली का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। उन्होंने इंग्लैंड दौरे पर 10 पारियों में 13.50 के औसत से रन बनाए थे। हालांकि इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे में विराट ने अच्छा प्रदर्शन किया और टेस्ट सीरीज में 692 रन बनाए। विराट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले वह हर विदेशी दौरे को इंजीनियरिंग की परीक्षा के जैसे ले रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा था कि उन्हें किसी तरह से पास होना है और लोगों को दिखाना है कि वह भी इस स्तर पर खेल सकता हैं। उस वक्त विराट का खराब दौर चल रहा था।
विराट ने बताया कि जब खराब दौर होता है तो पता नहीं होता कि कौन आपके शुभचिंतक हैं और कोई आपकी मदद करेगा या नहीं। विराट ने बताया कि उस वक्त उनके पास मेहनत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। कोहली ने बताया कि उस वक्त वह थोड़ा निराश हो गए थे। साथ ही उन्होंने कहा कि अभ्यास सत्र में उन्होंने यह सोचकर अभ्यास किया कि वह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसन का सामना कैसे करेंगे। जॉनसन उस वक्त बेहतरीन फॉर्म में थे।
विराट कोहली ने बताया कि वह मुंबई गए और सचिन तेंदुलकर को फोन किया। विराट ने सचिन को फोन कर अपना खेल सुधारने के लिए सलाह मांगी। साथ ही उन्होंने सचिन से पूछा कि वह जानना चाहते हैं कि इस स्तर पर रन कैसे बना रखें। इस पर सचिन ने विराट को कहा कि ‘आप लोगों को दिखाने के लिये टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सकते। आप अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए यह खेल खेलते हो।’ विराट ने बताया कि उनके दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि ऑस्ट्रेलिया जाकर इन खिलाड़ियों के खिलाफ रन कैसे बनाएंगे। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने से पहले तक विराट हर वक्त यही सोचते रहते थे कि जॉनसन को कैसे हिट कर रहे हैं और इन गेंदबाजों की गेंदों को पूरे पार्क में भेज रहे हैं। कोहली ने बताया कि जब वह दौरे के लिए पहुंचे तो पूरी तरह से निर्भीक हो गए थे और चीजें सही होती चली गईं।