बावुमा ने कहा कि उनके बारे में दक्षिण अफ्रीका में ऐसी धारणा बन गई है कि यह खिलाड़ी लाल गेंद का है। लेकिन वह हमेशा से शॉर्टर फॉर्मेट में खेलना चाहते थे और उन्हें भारत दौरे पर यह मौका मिल गया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनकी उम्मीद से थोड़ा जल्दी उन्हें मौका मिल गया है और वह इस मौके का फायदा उठाकर टीम को पूरा योगदान देना चाहते हैं। 29 साल के बावुमा दक्षिण अफ्रीका की तरफ से 36 टेस्ट खेल चुके हैं और उनमें उन्होंने 33 की औसत से 1716 रन बनाए हैं। उन्हें सिर्फ दो वनडे खेलने का मौका मिला है और इनमें उन्होंने 80 से ज्यादा औसत से 161 रन बनाए हैं। इनमें एक शतक भी शामिल है। इसके बावजूद वह वनडे टीम का स्थायी सदस्य बनने के इंतजार में हैं। वहीं अगर उन्हें भारत के खिलाफ सीरीज में अगर मौका मिलता है तो वह पहली बार टी20 में खेलेंगे। वह इसे अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले विश्व कप के पहले अपने लिए सुनहरा मौका मान रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका के नए बल्लेबाजी सहायक कोच लांस क्लूजनर भी बावुमा से प्रभावित नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि बावुमा ने हाल ही में सीएसए टी-20 फाइनल में शतक लगाया है। उसके लिए यह कहना कि वह सिर्फ टेस्ट क्रिकेट का अच्छा खिलाड़ी है, बहुत आसान है, लेकिन वह शानदार ऑलराउंडर है। अगर उनकी मानी जाए तो उन्हें यह कहने में हिचक है कि वह सिर्फ टेस्ट का खिलाड़ी है। हां, वह मानते हैं कि वह गेंद को बाउंड्री पार भेजने वाला ताकतवर खिलाड़ी नहीं है, लेकिन बाउंड्री लगाने के कई और तरीके हैं।