दरअसल, भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 165 रन का स्कोर किया था। भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन सूर्यकुमार यादव ने बनाए। उन्होंने 45 गेंद में 4 चौकों और 3 छक्कों की सहायता से 61 रन की पारी खेली तो तिलक वर्मा ने भी 27 रन बनाए। इसके जवाब में विंडीज के दो बल्लेबाज ब्रैंडन किंग और निकोलस पूरन शुरुआत से ही भारतीय गेंदबाजों पर हावी नजर आए और टीम को जीत दिलाई। पूरन अपने अर्धशतक से चूके तो किंग ने 55 गेंद में 85 रन की शानदार पारी खेली।
कप्तान बोले- हारना भी कई बार अच्छा होता है
मैच के बाद हार्दिक ने सफाई देते हुए कहा कि जब मैं उतरा तो हम लय खो चुके थे और स्थिति का फायदा नहीं उठा पाए। मैं मानता हूं कि हम बेहतर बनने का प्रयास करते रहते हैं। हमें कुछ ज्यादा समझाने की आवश्यकता नहीं है। चीजें सही करने के लिए हमारे पास काफी वक्त है। हारना भी कई बार अच्छा होता है। सकारात्मक पक्ष देखें तो हमने बहुत कुछ सीखा। युवा खिलाडि़यों ने अपना कैरेक्टर दिखाया। वे आते रहे और कुछ नया करने का प्रयास करते रहे। यह प्रक्रिया का हिस्सा है।
क्रिकेट के इतिहास में पहली बार 5 मैचों की टी20 सीरीज हारी टीम इंडिया
‘कोई रॉकेट साइंस नहीं’
पांड्या ने आगे कहा कि मैं परिस्थिति देखकर आमतौर पर वही चीज करना पसंद करता हूं, जो मेरे मन में आती है। इसमें कोई रॉकेट साइंस नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मैं देखता हूं कि एक युवा अंदर आकर हाथ ऊपर उठाता है तो मुझे ज्यादा खुशी नहीं हो सकती। अंत में पांड्या सभी का धन्यवाद किया और कहा कि अगला टी20 वर्ल्ड कप यहीं होगा और तब नंबर्स भी बड़े होंगे।