दरअसल, 18 मार्च को श्रीलंका बनाम बांग्लादेश के तीसरे वनडे में ऑलराउंडर वानिंदु हसरंगा ने अंपायर से गाली-गलौच कर दी थी। आईसीसी ने इसकी जानकारी कप्तान कुसल मेंडिस और श्रीलंका टीम मैनेजमेंट को दी। इसके बाद जो भी हुआ, उसे देखकर साफ समझा जा सकता है कि ये सोची-समझी रणनीति के तहत हुआ है, ताकि हसरंगा को टी20 वर्ल्ड कप में बैन होन से बचाया जा सके।
अंपायर को गाली देने पर बैन लगना तय
हसरंगा के साथ ही सभी को पता था कि अंपायर को गाली देने पर बैन लगना तय है। क्योंकि वे पहले ही दो टी20 इंटरनेशनल मैचों का बैन झेल चुके हैं। उनके खाते में पहले से 5 डेमेरिट पॉइंट्स थे। गाजी प्रकरण के बाद उन्हें कम से कम 3 डेमेरिट पॉइंट्स और मिलने की आशंका थी। अगर ये हो जाता तो उनके खाते में 4 सस्पेंशन पॉइंट्स होते और ऐसे में उन पर दो टेस्ट या 4 सफेद बॉल मैचों का बैन लगता।
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अगले दो टेस्ट मैचों के लिए सस्पेंड
गाली प्रकरण के बाद 18 मार्च की देर रात श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड और हसरंगा ने टेस्ट रिटायरमेंट से वापसी का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही उन्हें टेस्ट टीम में जगह मिल गई। 19 मार्च को आईसीसी ने हसरंगा के खिलाफ ऐक्शन लेने की बात कही और आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट 2.13 आर्टिकल को तोड़ने की सजा के रूप में अगले दो टेस्ट मैचों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। अब वह टी20 वर्ल्ड कप के सभी मैच खेल सकते हैं।