शास्त्री ने गहुंजे के एमसीए स्टेडियम में मैच के दौरान कहा, “न्यूजीलैंड ने दोनों टेस्ट मैचों में उन्हें (भारत को) शानदार तरीके से हराया है। यह सोचने वाली बात है (सीरीज में हार पर)। उन्होंने (गंभीर) अभी-अभी यह पद संभाला है। ऐसी टीम का कोच बनना कभी आसान नहीं होता, जिसके इतने बड़े प्रशंसक हों। कोच के तौर पर उनके करियर के अभी शुरुआती दिन हैं। लेकिन वे जल्द ही सीख जाएंगे।”
बेंगलुरू में पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड से आठ विकेट से हारने के बाद, पुणे में तीन दिन के अंदर हार का मतलब था कि भारत का घरेलू मैदान पर लगातार 18 सीरीज का अजेय अभियान खत्म हो गया। भारत ने पिछली बार घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज नवंबर-दिसंबर 2012 में हारी थी, जब वे एलिस्टेयर कुक की अगुआई वाली इंग्लैंड से 2-1 से हार गए थे।
हालांकि भारत ने मौजूदा विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, लेकिन रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम के अंक प्रतिशत में गिरावट आई है और अब वह 62.82 अंक प्रतिशत पर है। अब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बहुत अंतर नहीं रह गया है, जो 62.50 अंक प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर हैं।
न्यूजीलैंड के 2-0 की अजेय बढ़त के साथ, भारत 1-5 नवंबर तक मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में होने वाले सीरीज के तीसरे और अंतिम टेस्ट में सांत्वना जीत हासिल करने का लक्ष्य रखेगा, उसके बाद वह पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना होगा।
बता दें रवि शास्त्री ने 2018 में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने उस समय की टीम को दुनिया की ‘बेस्ट ट्रैवलिंग टीम’ करार दिया था। शास्त्री के इस बयान पर गौतम गंभीर ने उस समय कहा था, ‘हंसी से ज्यादा कुछ भी नहीं आता…क्योंकि मुझे यकीन है कि रवि शास्त्री को या तो रिकॉर्ड नहीं पता या पुरानी सीरीज उन्होंने नहीं देखी। कई बार ऐसा लगता है…जब आप खुद कुछ नहीं जीते होते तो आपको ऐसा लगता है कि जिस टीम के आप कोच बने हो वही सबसे अच्छी है। क्योंकि आप खुद को कुछ…शायद वहां पर ऑडी जो जीते थे वर्ल्ड सीरीज में, उसके अलावा मुझे नहीं लगता रवि शास्त्री इंडिया के बाहर कुछ जीते हैं।’