पटना हाईकोर्ट के नए फ़ैसले के बाद बिहार क्रिकेट टीम की मान्यता भी रद्द हो गई है जिसका चयन अमित की अगुवाई और ज़ि़शान उल यक़ीन की अध्यक्षता में हुआ था। बीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पटना हाईकोर्ट के पुराने आदेश (5 अगस्त 2024) का ग़लत इस्तेमाल करते हुए बिहार क्रिकेट की छवि को धूमिल करने की कोशिश हो रही थी। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,”पिछले कुछ दिनों से बिहार क्रिकेट को धूमिल करने की कोशिश की जा रही थी। ऐसा नहीं होता है कोई एक व्यक्ति ख़ुद को उस संघ का सचिव घोषित कर दे जो बीसीसीआई के अधीन हो। इतना ही नहीं अपने हिसाब से वह ख़ुद का वेतन भी तय करे और एक चयन समिति बनाकर टीम की घोषणा कर दे। इतना ही नहीं उस सूची में उन खिलाड़ियों का भी नाम डाल दे जो बीसीए के प्रैक्टिस कैंप का हिस्सा थे।”
जिन खिलाड़ियों का नाम सोमवार को जारी हुई बिहार क्रिकेट दल की सूची में शामिल था, उन सभी ने बीसीए को मेल के ज़रिए ये बताया है कि उनका बीसीए के पूर्व सचिव अमित से कोई संपर्क नहीं है और न ही वे उस कैंप का हिस्सा थे जो अमित की अगुवाई में चल रहा था। बीसीए ने रणजी ट्रॉफ़ी के पहले दो मैचों के लिए 20 सदस्यीय दल की घोषणा की है जिसकी कमान वीर प्रताप सिंह के हाथों में है।
रणजी ट्रॉफी 2024-25 के लिए बिहार की टीम
वीर प्रताप सिंह (कप्तान), शकीबुल ग़नी (उपकप्तान), बिपिन सौरभ, आकाश राज , श्रमण निग्रोध (विकेटकीपर), बाबुल कुमार, आयुष लोहारुका, राघवेंद्र प्रताप सिंह, मयंक चौधरी, हिमांशु सिंह, सचिन कुमार सिंह, अभिजीत साकेत, अनुज राज, साकिब हुसैन, शब्बीर ख़ान, ऋषभ राज, हर्षिविक्रम सिंह, जितिन कुमार यादव, यशपाल यादव, ऋषि राज