अंतिम दिन तक तीन टीमें खिताब की दौड़ में बनी हुई थीं। इंडिया-बी इंडिया-डी से हार गई, जिससे इंडिया-ए और सी को जीत के लिए संघर्ष करना पड़ा। मयंक अग्रवाल ने सुबह के सत्र में जल्दी पारी घोषित कर दी, ताकि उनके गेंदबाजों को 10 विकेट लेने का पर्याप्त समय मिल सके और उन्होंने प्रभावी ढंग से इसे अंजाम दिया।
साई सुदर्शन का शतक हुआ बेकार
इंडिया-सी की 350 रनों के लक्ष्य का पीछा करने की शुरुआत खराब रही, जब विजयकुमार वैशाख जल्दी आउट हो गए, जिन्होंने आश्चर्यजनक रूप से कप्तान रुतुराज गायकवाड़ के साथ ओपनिंग की। गायकवाड़ और साई सुदर्शन ने दूसरे विकेट के लिए महत्वपूर्ण साझेदारी की, इससे पहले आकिब खान ने गायकवाड़ को आउट किया। इंडिया सी का मध्यक्रम सुदर्शन का साथ देने में विफल रहा, जिन्होंने 111 रन बनाकर बहादुरी से संघर्ष किया। वही, रजत पाटीदार और अभिषेक पोरेल (जिन्होंने पहली पारी में 82 रन बनाए) सहित छह बल्लेबाज एकल अंकों पर आउट हो गए।
प्रसिद्ध कृष्णा और तनुश कोटियन चमके
ऑफ स्पिनर कोटियन ने तीन विकेट लेकर मध्यक्रम को ध्वस्त किया, जबकि आखिरी 9 ओवर में प्रसिद्ध कृष्णा (3 विकेट) ने शानदार गेंदबाजी कर मैच का पासा पलट दिया। प्रसिद्ध ने सुदर्शन का महत्वपूर्ण विकेट लिया और मैच के अंतिम क्षणों में पुछल्ले बल्लेबाजों सस्ते में पवेलियन भेज अपनी टीम को जीत दिला दी। इंडिया सी ने खेल को ड्रॉ करने के लिए कड़ी मेहनत की, जिससे उन्हें 1 अंक से ट्रॉफी मिल जाती, लेकिन प्रसिद्ध के सही समय पर लिए गए विकेटों ने इंडिया-ए की जीत सुनिश्चित कर दी।