scriptपार्श्वी चोपड़ा पिता के कहने पर पहला प्यार छोड़ बनी क्रिकेटर, अब विश्व कप जीत रचा इतिहास | parshavi chopra left skating for cricket on father advice now u19 womens t20 world cup winner | Patrika News
क्रिकेट

पार्श्वी चोपड़ा पिता के कहने पर पहला प्यार छोड़ बनी क्रिकेटर, अब विश्व कप जीत रचा इतिहास

Parshavi Chopra : भारतीय महिला टीम ने अंडर-19 महिला विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए चैंपियन का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। भारत को चैंपियन बनाने में कप्तान शेफाली वर्मा, श्वेता सेहरवात के साथ लेग स्पिनर पार्श्वी चोपड़ा ने भी अहम भूमिका निभाई है। 16 वर्षीय पार्श्वी चोपड़ा की गेंद जब-जब सही टप्पे पर पड़ी तो बल्लेबाज के पास कोई जवाब नहीं था।

Jan 30, 2023 / 10:41 am

lokesh verma

parshavi-chopra-left-skating-for-cricket-on-father-advice-now-u19-womens-t20-world-cup-winner.jpg

पार्श्वी चोपड़ा पिता के कहने पर पहला प्यार छोड़ बनी क्रिकेटर, अब विश्व कप जीत रचा इतिहास।

Parshavi Chopra : भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अंडर-19 महिला विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए चैंपियन का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। इस जीत पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने महिला क्रिकेट टीम को बधाई दी है। वहीं, बीसीसीआई सचिव जय शाह ने टीम इंडिया को 5 करोड़ रुपये का पुरस्कार देने का ऐलान किया है। बता दें कि भारत ने इंग्लैंड को सात विकेट से हराकर पहली आईसीसी अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप ट्रॉफी जीती है। भारत को चैंपियन बनाने में कप्तान शेफाली वर्मा, श्वेता सेहरवात के साथ लेग स्पिनर पार्श्वी चोपड़ा ने भी अहम भूमिका निभाई है। पार्श्वी ने घूमती गेंदों से बल्लेबाजों को खासा परेशान किया। 16 वर्षीय पार्श्वी चोपड़ा की गेंद जब-जब सही टप्पे पर पड़ी तो बल्लेबाज के पास कोई जवाब नहीं था।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने पार्श्वी चोपड़ा ने महिला विश्व कप के 6 मैचों में 10 विकेट लेते हुए शानदार गेंदबाजी की है। पार्श्वी ने दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर अपनी स्पिन गेंदबाजी का जलवा दिखाया है। ऐसे में समझ सकते हैं कि वह एशियाई पिचों पर कितनी खतरनाक साबित होंगी। पार्श्वी की गेंदबाजी की तरह ही उनके क्रिकेटर बनने की कहानी भी काफी धुमावदार है।

पिता के कहने पर बनीं क्रिकेटर

बता दें कि पार्श्वी के पिता, चाचा और दादा भी क्रिकेटर रहे थे। ऐसे में उनकी रगों में भी क्रिकेटर खून में था, लेकिन उनका स्कूल के दिनों में मन स्केटिंग में अधिक लगता था। यूं कह सकते हैं कि स्केटिंग ही उनका पहला प्यार था। पार्श्वी ने स्केटिंग में उत्तर प्रदेश के अंडर-14 टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल भी जीता, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि बेटी भी क्रिकेटर बने। पिता के कहने पर वह स्केटिंग छोड़ क्रिकेट में आ गईं।

यह भी पढ़े – वर्ल्ड कप जीतने के बाद टीम इंडिया पर धनवर्षा, बीसीसीआई ने किया 5 करोड़ देने का ऐलान

चोटिल होने के बावजूद नहीं छोड़ा मैदान

पार्श्वी ने पिता के कहने पर एक क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन की और क्रिकेट की बारीकियां सीखने लगीं। जहां उन्हें लेग स्पिन गेंदबाजी करना काफी रास आया और महज 13 साल की आयु में उत्तर प्रदेश के लिए पहला मैच खेला। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पहले मैच में फील्डिंग के दौरान वह चोटिल हो गईं थी। कोच ने कहा कि अगर वह फिट नहीं हैं तो आराम कर सकती हैं। पार्श्वी के होठों पर सूजन थी, लेकिन कुछ देर बाद ही वह मैदान में उतर आईं। उन्होंने असम के खिलाफ 3 विकेट झटके।

यह भी पढ़े – हार्दिक पांड्या को न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे मैच में लगा गहरा सदमा

Hindi News/ Sports / Cricket News / पार्श्वी चोपड़ा पिता के कहने पर पहला प्यार छोड़ बनी क्रिकेटर, अब विश्व कप जीत रचा इतिहास

ट्रेंडिंग वीडियो