इंडिया ए के खिलाफ दूसरा अनाधिकारिक टेस्ट मैच ड्रॉ समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कुलदीप ने कहा कि अगर आप लगातार टेस्ट नहीं खेलते हो तो प्रारूप में खेलना काफी मुश्किल होता है। लय में आने में समय लगता है और अगर आप सीमित ओवरों में खेलते रहते हैं तो टेस्ट क्रिकेट में लय में आने में और भी मुश्किल होती है। इस फॉर्मेट में लंबे स्पैल डालने होते हैं। अभ्यास मैच खेलने होते हैं और साथ में यह भी समझना होता है कि फील्ड कैसे जमानी है और विकेट कैसे लेनी है। इसलिए उनके लिए जरूरी था कि वह इंडिया-ए के लिए खेलें और ज्यादा से ज्यादा ओवर फेंके। उन्होंने कहा कि अभी उन्हें काफी काम करना है।
कुलदीप यादव भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा हैं। वह विंडीज दौरे पर भी भारतीय टीम में शामिल हैं। हालांकि उन्हें अंतिम-11 में जगह नहीं मिली थी। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि घरेलू सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्हें मौका मिल सकता है। यहां अफ्रीका को भारत के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी हैं। इसकी वजह यह है कि भारत में टीम इंडिया दो स्पिनरों के साथ उतर सकती है। कुलदीप ने कहा कि वह, रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा टीम में तीन स्पिनर हैं। सही संयोजन चुनना काफी मुश्किल होता है। लेकिन अगर मौका मिलता है तो उसे भुनाने को तैयार रहना पड़ता है। जाहिर सी बात है कि ऐसे में अगर आपको कम मौके मिलते हैं तो आप पर दवाब भी रहता है।