खराब दौर से गुजर रहे धोनी-
एक लम्बे समय तक भारतीय टीम के मजबूत स्तम्भ रहे महेंद्र सिंह धोनी पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। धोनी ने दिसम्बर 2006 में अपना पदार्पण करने के बाद से भारत के खेले गए 104 टी-20 मैचों में से 93 मैचों में भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में साल 2020 में होने वाले टी-20 वर्ल्डकप को देखते हुए भारत को एक ऐसे विकेट कीपर बल्लेबाज की तलाश है जो अच्छी कीपिंग के साथ अच्छी बल्लेबाजी भी कर सके। धोनी 2019 में इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप में तो शिरकत कर सकते हैं लेकिन उसके बाद वो टीम में रहेंगे या नहीं इस बात पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। खैर विंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले टी-20 मैचों में टीम में धोनी को शामिल ना करने के बाद बीसीसीआई और चेयरमैन सिलेक्शन कमेटी के चीफ एमएसके प्रसाद को लगातार निशाना बनाया जा रहा है । इस बीच बीसीसीआई के एक आला अधिकारी के बयान के बाद इस पूरे घटनाक्रम ने एक नया मोड़ ले लिया है ।
विराट और कोहली की सहमति से हुआ फैसला-
बीसीसीआई अधिकारी के अनुसार यह अब लगभग तय है कि ऑस्ट्रेलिया में 2020 में होने वाला टी-20 विश्व कप महेंद्र सिंह धोनी नहीं खेलेंगे। लिहाजा उन्हें टीम में बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं। खिलाड़ियों के चयन के लिए होने वाली मीटिंग से पहले टीम मैनेजमेंट ने इस बात की सुचना धोनी को दे दी थी कि अब समय आ गया है किसी युवा विकेटकीपर को ट्राई करने का । इसके साथ ही धोनी को टीम से बाहर करने का फैसला अचानक हुआ या सोच समझ कर पर कहा कि ”’चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन ने इस पर काफी बात की है। इसके साथ ही कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान रोहित शर्मा भी चयन समिति की बैठक में मौजूद थे.” उन्होंने कहा, ”क्या आपको लगता है कि उनकी रजामंदी के बिना चयनकर्ता यह फैसला ले सकते थे।”