ऐसे समझें इस नियम को…
1. एक फ्रेंचाइजी अधिकतम छह खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है। या तो रिटेंशन चरण में या मेगा नीलामी के दौरान राइट-टू-मैच कार्ड के माध्यम से। इनमें से अधिकतम पांच खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर के हो सकते हैं जबकि अधिकतम दो खिलाड़ी अनकैप्ड हो सकते हैं। 2. राइट टू मैच नियम फ्रेंचाइजी को उस खिलाड़ी को वापस खरीदने का मौका देता है, जो पिछले सीजन में उस टीम का हिस्सा था। रिलीज होने के बाद जब कोई खिलाड़ी नीलामी में जाता है, तो कई टीमें उस पर बोली लगाती हैं। बोली लगने के बाद रिलीज करने वाली टीम से पूछा जाता है कि क्या वो इस खिलाड़ी के लिए आरटीएम का इस्तेमाल करना चाहती हैं?
3. पिछले सीजन में किसी टीम का खिलाड़ी अब नीलामी में फिर से बिक रहा है, तो उस टीम को “आरटीएम कार्ड” मिलता है। इसका मतलब है कि वो खिलाड़ी को वापस खरीद सकती है। ऐसे में पुरानी टीम आरटीएम का इस्तेमाल करती है तो उसे उस प्लेयर पर नीलामी में लगाई गई आखिरी बोली के जितने पैसे देने पड़ते हैं। वहीं अगर पुरानी टीम आरटीएम का उपयोग नहीं करती तो आखिरी बोली लगाने वाली टीम उस खिलाड़ी को खरीद लेती है।
यह भी खास
अब हर टीम के पास 120 करोड़ रुपए का बजट होगा, जिसके लिए उन्हें अपने खिलाड़ियों पर बोली लगानी होगी। जिन खिलाड़ियों ने 5 साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला होगा या संन्यास ले चुके होंगे, उन्हें अनकैप्ड खिलाड़ियों में गिना जाएगा। रिटेन किए गए खिलाड़ियों की सूची आज 31 अक्टूबर को जमा करनी होगी।IPL 2025 Retention स्लैब (कैप्ड खिलाड़ियों के लिए रिटेंशन स्लैब)
खिलाड़ी-1: 18 करोड़ रुपएखिलाड़ी-2: 14 करोड़ रुपए
खिलाड़ी-3: 11 करोड़ रुपए
खिलाड़ी-4: 9 करोड़ रुपए
खिलाड़ी-5: 7 करोड़ रुपए