बता दें कि ट्राई सीरीज का यह प्रस्ताव कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने बीसीसीआइ को दिया था, जिसे उसने ठुकरा दिया था। लेकिन अब ब्रॉडकास्टर्स की नुकसान की भरपाई करने के लिए बीसीसीआइ इस सीरीज के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है। हाल ही में आइसीसी ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर साफ किया है कि भारत और पाकिस्तान की टीम 2028 तक हाइब्रिड मॉडल के आधार पर तीसरे देश में अपने मुकाबले खेलेंगी। आइसीसी का यह फैसला भले ही क्रिकेट के लिए अच्छा है लेकिन ब्रॉडकॉस्टर्स को इससे काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। ऐसे में ट्राई सीरीज का विचार आया, जिससे ब्रॉडकास्टर्स, बीसीसीआइ और पीसीबी को फायदा हो सकता है।
पाकिस्तान में अगले साल वनडे चैंपियंस ट्रॉफी और 2028 में टी-20 वूमेंस वर्ल्डकप खेला जाएगा। वहीं, भारत में 2026 में मेंस टी-20 वर्ल्डकप और 2025 में एशिया कप का आयोजन होगा। लेकिन जब दोनों टीमें एक-दूसरे के देश में नहीं खेलेंगी, तो इनके मैचों की मार्केटिंग वैल्यू कम हो जाएगी। 2023 वनडे विश्व कप में भारत-पाकिस्तान का मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया, जहां दर्शक क्षमता करीब एक लाख है। पाकिस्तान ने अपने और मैच में बड़े स्टेडियम में खेले, जो दर्शकों से भरे रहे। लेकिन अब एशिया कप और टी-20 विश्व कप में पाक टीम भारत नहीं आएगी और उसके मैच कोलंबो या दुबई में होगें, जहां के मैदानों की दर्शक क्षमता बहुत ही कम है।
रेवेन्यू में 45-45 फीसदी की हिस्सेदारी
इस ट्राई सीरीज से होने वाली कमाई में बीसीसीआइ और पीसीबी को एकसमान 45-45 फीसदी हिस्सा मिलेगा। वहीं, टूर्नामेंट की तीसरी टीम को 10 फीसदी का रेवेन्यू मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक, इस सीरीज में हर टीम एक-दूसरे के खिलाफ दो-दो मैच खेलेगी। टॉप पर रहने वाली दो टीमों में फाइनल होगा।