दरअसल, राजकोट टेस्ट में जैक क्रॉली के विकेट को लेकर बड़ा बखेड़ा हुआ था। वहीं, रांची टेस्ट में जो रूट के डिसमिसल को लेकर विवाद हो रहा है। इंग्लैंड की दूसरी पारी में रविवार को अश्विन ने जो रूट को अपना शिकार बनाया। अश्विन की गेंद जो रूट के पैर टकराई तो टीम इंडिया की ओर से जोरदार अपील हुई, लेकिन अंपायर ने आउट नहीं दिया। इसके बाद अंपायर के फैसले को चुनौती देते हुए भारत ने डीआरएस का इस्तेमाल किया।
वॉन ने पहले फैसले पर जताई हैरानी, फिर वापस ली पोस्ट
इसके बाद थर्ड अंपायर ने देखा कि गेंद कि पिच, इंपैक्ट और विकेट तीनों पर ही रेड है तो उन्होंने मैदानी अंपायर से उनका फैसला वापस लेकर जो रूट को आउट करार दिया। इस इंग्लिश दिग्गजों के साथ उनके फैंस ने बॉल ट्रैकिंग पर सवाल खड़े किए कि जब गेंद पिच हुई तो वह लाइन से बाहर थी। रूट ने भी उस समय सवाल नहीं उठाया, लेकिन ड्रेसिंग रूम में पहुंचकर वह इसे रिचैक करते दिखे। वहीं, माइकल वॉन ने एक्स पर पोस्ट करते हुए इस फैसले पर हैरानी जताई। हालांकि कुछ देर बाद ही उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दी।
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बोले- फैंस को डीआरएस पर भरोसा नहीं
माइकल वॉन ने अपने टेलिग्राफ कॉलम में लिखा कि सोशल मीडिया पर देखें तो पता चलेगा कि फैंस को डीआरएस पर भरोसा नहीं है। इसलिए पारदर्शिता और जवाबदेही को बेहतर बनाने एक सरल समाधान है। उन्होंने कहा कि ट्रक (रूम) में माइक्रोफोन चिप और एक कैमरा चिपका दें, ताकि जब कोई फैसला लिया जा रहा हो तो सभी को पता चले कि वास्तव में हो क्या रहा है और इसमें कितने लोग शामिल हैं।