गेंदबाजों की कब्रगाह विकेट
हैमिल्टन का सेडॉन पार्क स्टेडियम का यह विकेट गेंदबाजों के लिए पूरी तरह कब्रगाह साबित हुआ। इस पर गेंदबाजों के लिए कुछ भी नहीं था। इस कारण टीम इंडिया ने 50 ओवरों में 347 रन ठोंक दिए। भारत की ओर से श्रेयस अय्यर (103) ने शतक लगाया तो वहीं केएल राहुल (88 नाबाद) और कप्तान विराट कोहली (51) ने अर्धशतक ठोंक दिया। इसी तरह कीवी टीम की तरफ से भी एक शतक और दो अर्धशतक लग गए रॉस टेलर (109 नाबाद) ने शतक लगाया तो वहीं हेनरी निकोलस (78) और कप्तान टॉम लॉथम (69) ने अर्धशतकीय पारी खेली। ऐसी विकेटों पर लक्ष्य का पीछा करना आसान होता है। क्योंकि विकेट से गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही थी।
भारत का टॉस हारना
सेडान पार्क का यह विकेट इतना पाटा था कि इस पर कोई भी लक्ष्य सुरक्षित नहीं था। ऐसे में अगर टीम इंडिया लक्ष्य का पीछा करती तो वह फायदे में रहती। लेकिन टॉस हार कर भारत को पहले बल्लेबाजी करनी पड़ी। इसका फायदा कीवी टीम को मिला। उनके सामने लक्ष्य था और बल्लेबाजों को बिना अपनी गलती के आउट होना नहीं था। इस कारण कीवी टीम ने आसानी से इतने बड़े लक्ष्य को हासिल कर लिया।
विकेट में कुछ नहीं था, इसलिए गेंदबाजों के लिए बड़ी मुश्किल थी। इसलिए इस हार का जिम्मेदार उन्हें नहीं ठहराया जा सकता है, लेकिन भारतीय गेंदबाजों गेंदबाजी भी दिशाहीन की और हर गेंदबाज ने काफी रन लुटाए। बुमराह और रविंद्र जडेजा ने कोई विकेट भी नहीं लिया और क्रमश: 53 तथा 64 रन दे दिए तो शार्दुल ठाकुर ने एक विकेट लिया जरूर, लेकिन नौ ओवर में 80 रन लुटा दिए। वही कुलदीप यादव ने 10 ओवर के कोटे में एक विकेट के लिए 84 रन दे दिए। मोहम्मद शमी भी काफी महंगे रहे। उन्होंने 9.1 ओवर में एक विकेट लेने के लिए 63 रन खर्च कर दिए।
छठे गेंदबाज को न आजमाना
भारत के सभी गेंदबाज पिट ही रहे थे और कीवी बल्लेबाजों पर अपना प्रभाव डालने में बेअसर साबित हो रहे थे। ऐसे में भी टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने इन पर अपना भरोसा बनाए रखा। हालांकि वह चाहते तो इस हालत में जब सभी गेंदबाज बेअसर साबित हो रहे थे तो केदार जाधव से एक-दो ओवर फेंकवा सकते थे। वह पिट भी जाते तब भी कोई अलग कहानी नहीं होती। लेकिन अपनी छोटी हाइट और अनोखे गेंदबाजी एक्शन की वजह से वह अगर अपनी नीची रहती गेंदों पर कोई करिश्मा करने में कामयाब हो जाते तो हो सकता था नतीजा कुछ और हो जाए।
‘श्रीमान अतिरिक्त’ ने भी निभाई अहम भूमिका
पाटा पिच पर भारतीय गेंदबाजी असरहीन तो थी ही, इसके अलावा दिशाहीन गेंदबाजी ने भी भारत की हार में बड़ी भूमिका निभाई। भारतीय गेंदबजों ने 24 वाइड और एक नो बॉल फेंके। इसके अलावा कीवी बल्लेबाजों ने लेग बाई के चार रन भी बटोरे। यानी कुल 29 अतिरिक्त रन कीवी खाते में जुटे। इतने अतिरिक्त रन किसी मैच का नतीजा बदलने के लिए काफी होते हैं। हालांकि इस मामले में कीवी गेंदबाज भी ज्यादा पीछे नहीं रहें। उन्होंने 19 वाइड और एक नो बॉल फेंकी। इसके अलावा भारतीय बल्लेबाजों ने लेग बाई के रूप में सात रन बटोरें। यानी उन्होंने भी 27 अतिरिक्त रन दिए थे।
न्यूजीलैंड के बल्लेबाज टी-20 सीरीज से उलट बदली मानसिकता के साथ इस मैच में बल्लेबाजी करते दिखाई दिए। रॉस टेलर अच्छी बल्लेबाजी करने के बाद टी-20 मैचों में अंतिम में आउट होकर चले जा रहे थे। वहीं इस मैच में उन्होंने अंगद की तरह विकेट पर अपने पैर गाड़ दिए थे। पहले हेनरी निकोलस के साथ अर्धशतकीय साझेदारी और उसके बाद टॉम लाथम के साथ शतकीय साझेदारी निभाकर कीवी टीम को जीत की राह पर डाला। इसके बाद खुद कीवी टीम को जीता कर ही नाबाद लौटे।