बीसीए की क्रिकेट सुधार समिति (CIC) के सदस्य किरण मोरे ने कहा, “वह नॉकआउट से खेलेंगे। उन्होंने हमें सूचित किया है।” भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय चयन समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि खिलाड़ियों को घरेलू प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहिए, जब तक कि उन्हें स्पष्ट रूप से छूट न दी जाए।
हार्दिक पंड्या ने हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) में हिस्सा लिया था, जहां बड़ौदा सेमीफाइनल में पहुंचा था। इस टूर्नामेंट के सात मैचों में उन्होंने 246 रन बनाए और छह विकेट लिए थे। 31 वर्षीय हार्दिक पंड्या ने 14 महीने से अधिक समय से T20 के अतिरिक्त अन्य प्रारूप में कोई मैच नहीं खेला है। उनका आखिरी प्रदर्शन पिछले साल 19 अक्टूबर को पुणे में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे विश्व कप के दौरान हुआ था। उस मैच में उन्हें टखने में चोट लग गई थी, जिसके कारण वे लंबे समय तक मैदान से बाहर रहे और तब से उन्होंने लाल गेंद वाली क्रिकेट खेलना पूरी तरह से बंद कर दिया है।
वनडे घरेलू टूर्नामेंट में उनकी भागीदारी अगले साल की चैंपियंस ट्रॉफी में उनके चयन के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर तब जब भारत आंध्र प्रदेश के ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी जैसे विकल्पों का मूल्यांकन कर रहा है, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) सीरीज में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है।
चोट लगने के बाद से हार्दिक पंड्या ने अंतरराष्ट्रीय, आईपीएल और घरेलू प्रतियोगिताओं में 38 T20 मैचों में भाग लिया, लेकिन अन्य प्रारूपों में नहीं खेले हैं। इससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे केवल T20 क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
हालांकि, किरण मोरे ने इस तरह के दावों को खारिज करते हुए कहा, “उन्होंने सभी SMAT मैचों में भाग लिया और वह 50 ओवर के मैचों में भी खेलेंगे। बड़ौदा ने SMAT में अच्छा प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल में पहुंचे। उम्मीद है कि टीम विजय हजारे ट्रॉफी के नॉकआउट में भी जगह बनाएगी।”
हार्दिक के भाई क्रुणाल पंड्या के नेतृत्व में बड़ौद ग्रुप-ई के हिस्से के रूप में हैदराबाद में प्रतिस्पर्धा कर रहा है, जिसमें त्रिपुरा, केरल, बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश और दिल्ली शामिल हैं। विजय हजारे ट्रॉफी के नॉकआउट राउंड 9 जनवरी से बड़ौदा में आयोजित किए जाने हैं, जिसका फाइनल 18 जनवरी को होगा।