पढ़ें: भारत का सबसे तेज गेंद फेंकने वाला ये गेंदबाज फिर हुआ चोटिल, NCA में रिहैब के दौरान लगी नई चोट रोहित शर्मा की कप्तानी में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम की यह लगातार दूसरी हार है। इसके अलावा भारतीय टीम को घरेलू सरजमीं पर 12 साल बाद सीरीज में शिकस्त झेलनी पड़ी है। भारत आखिरी बार टेस्ट सीरीज 2012 में इंग्लैंड से हारा था। तब उस वक्त इंग्लैंड ने भारत को 2-1 से हराया था। ऐसे में आइए, न्यूजीलैंड से मिली हार के उन कारणों पर डालते हैं नजर, जिसकी वजह से भारतीय टीम को टेस्ट मैच में लगातार दूसरी बार शिकस्त झेलनी पड़ी।
ओपनिंग जोड़ी की खराब शुरुआत
न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही। पहली पारी में यशस्वी जायसवाल जहां 30 रन बनाकर आउट हुए, वहीं भारतीय कप्तान रोहित शर्मा बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए थे। दोनों के बीच 18 गेंद में महज एक रन की साझेदारी हुई थी। वहीं, दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल और रोहित शर्मा की ओपनिंग जोड़ी के बीच महज 34 रन की साझेदारी हुई। बड़े स्कोर का पीछा करते हुए खराब शुरुआत का दबाव मध्यक्रम पर पड़ा। नतीजन, कीवी गेंदबाजों के सामने ज्यादा रक्षात्मक खेलने की वजह से भारतीय खिलाड़ियों को अपना विकेट गंवाना पड़ा।
शीर्ष बल्लेबाजों का आउट ऑफ फॉर्म में होना
भारतीय टीम के धाकड़ बल्लेबाजों में शुमार विराट कोहली लंबे समय से बड़ी पारी नहीं खेल सके है। विराट कोहली स्पिनर के खिलाफ बेहतर तरीके से नहीं खेल पा रहे हैं। इससे उनका आत्मविश्वास डगमगाया नजर आ रहा था। पुणे में विराट कोहली को दोनों ही पारियों में कीवी स्पिनर मिचेल सैंटनर ने उन्हें फिरकी में उलझाया और पवेलियन भेज भारतीय टीम को तगड़ा झटका दिया। दूसरे टेस्ट मैच में विराट कोहली ने जहां पहली पारी में महज एक रन बनाकर आउट हुए, वहीं दूसरी पारी में 40 गेंदों का सामना कर महज 17 रन बनाकर आउट हुए। इस मैच में कप्तान रोहित शर्मा ने पहली पारी में बिना खाता खोले आउट हुए जबकी दूसरी पारी में महज 8 रन ही बना सके। मध्यक्रम में ऋषभ पंत भी कमाल नहीं दिखा सके। वह पहली पारी में 18 और दूसरी पारी में बगैर खाता खोले पवेलियन लौट गए।
रोहित शर्मा की खराब कप्तानी
न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे टेस्ट मैच में रोहित शर्मा की कप्तानी कुछ खास नहीं रही। भारतीय कप्तान से जिस आक्रामक रूख की उम्मीद थी, वैसा मैदान पर नजर नहीं आया। उनका रूख आक्रमकता के बजाय रक्षात्मक रहा। कमेंट्री बॉक्स में मौजूद भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्री ने यह बात कही। पढ़ें: WTC फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे टेस्ट के साथ जीतने होंगे इतने मैच, जानें पूरा गणित कीवी टीम को हल्के में लेना पड़ा भारी
बेंगलुरु में खेले गए पहले टेस्ट मैच में हारने के बाद दूसरे टेस्ट मैच में कीवी टीम को हल्के में लेना भारतीय टीम को महंगा पड़ा। नतीजन, न्यूजीलैंड को पहली पारी में 259 रन पर समेटने वाली भारतीय टीम 53.4 ओवर में 156 रन पर ढेर हो गई। भारतीय टीम जब बल्लेबाजी कर रही थी तो लग रहा था कि इस पिच पर स्पिनर्स को खेलना बेहद मुश्किल है, लेकिन न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी में 255 रन बनाकर इस धारणा को भी गलत साबित कर दिया। पूरे मुकाबले के दौरान कीवी टीम ने भारतीय टीम पर दबाव बनाए रखा। सीरीज के दोनों टेस्ट मैच में कहीं से भी नहीं लगा कि मेहमान टीम के खिलाफ भारतीय खिलाड़ी तैयारी कर उतरे हैं।