उन्होंने कहा, ‘अभी भी मैं कह सकता हूं कि इंग्लैंड के लिए खेलने की कोशिश जारी रखूंगा, लेकिन सच्चाई ये है कि ऐसा नहीं कर पाऊंगा। यहां तक कि मैं संन्यास इसलिए नहीं ले रहा कि मैं अब बेहतर नहीं खेल सकता – मुझे अब भी अपने ऊपर विश्वास है कि मैं खेल सकता हूं। लेकिन ये ऐसे ही चलता है, टीम एक अलग दिशा में जाती है। लिहाजा मैं अपने साथ ईमानदार रहना चाहता हूं।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे अपने ऊपर गर्व है। जब आप पहली बार इंग्लैंड के लिए खेलते हैं तो, ये नहीं पता होता है कि आप कितने मैच खेलने वाले हैं। लिहाजा 300 के आस-पास मैच खेलना बड़ी बात है। मैंने अपने करियर के शुरुआती कुछ साल टेस्ट क्रिकेट अधिक खेला। जब मॉर्गन सीमित ओवर के कप्तान बने तो फिर ज्यादा मजेदार सफर रहा। लेकिन टेस्ट क्रिकेट ही क्रिकेट का सर्वोच्च रूप था।’
उन्होंने फ्रैंचाइज क्रिकेट को लेकर कहा, ‘मैं अभी भी क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा, इसलिए कुछ फ्रैचाइज क्रिकेट में खेलूंगा। लेकिन कोचिंग एक ऐसी चीज है जिसे मैं आगे जाकर करना चाहूंगा और वहां भी मैं सर्वश्रेष्ठ होने का प्रयास करूंगा। मैंने ब्रैंडन मक्कलम से काफी कुछ सीख सकता हूं। मैं चाहता हूं कि लोग मुझे एक जिंदादिल इंसान के तौर पर जाने। मैंने कई अच्छे शॉट्स लगाए हैं तो कई खराब शॉट्स भी खेले हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि लोग मेरा खेल पसंद करते थे।’
मोईन ने अली ने 2014 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करते हुए बतौर ऑलराउंडर 68 टेस्ट, 138 एकदिवसीय और 92 टी-20 मैच खेले। इंग्लैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर (सभी प्रारुप) में मोईन ने 6678 रन, आठ शतक, 28 अर्धशतक और 366 विकेट लिए। उन्होंने आखिरी बार इंग्लैंड का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व इसी वर्ष गयाना में किया था, जहां टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड को भारत के हाथों हार मिली थी।