अंगूठे की चोट से वापसी कर सूर्यकुमार यादव दोनों पारियों में बड़ी पारी खेलने में सफल नहीं हो पाए। पहली पारी में उन्होंने पांच रन बनाए थे और दूसरी पारी में 16 रन बना कर वह अर्शदीप का शिकार बने। अर्शदीप ने पहली पारी के दौरान भी तीन विकेट लिए थे, इस तरह से पूरे मैच में उन्होंने 90 रन देकर कुल नौ विकेट झटके। अर्शदीप के लिए यह उनका सिर्फ़ दूसरा पांच विकेट हॉल था।
इंडिया बी की दूसरी पारी में सिर्फ़ नितीश रेड्डी ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज़ थे, जिन्होंने क्रीज़ पर टिकने का प्रयास किया और वह 40 रन बना कर नॉट आउट रहे। हालांकि दूसरे किसी भी बल्लेबाज़ ने उनका साथ नहीं दिया, जिसके कारण इंडिया बी को 257 रनों की बड़ी हार का सामना करना पड़ा।
इस मैच में इंडिया डी की तरफ़ से सबसे ज़्यादा रन रिकी भुई ने बनाये। पहली पारी में 56 रनों की पारी खेलने वाले भुई ने दूसरी पारी में सबसे ज़्यादा 119 रन बनाए। दूसरी पारी में जब वह बल्लेबाज़ी करने आए तो उनकी टीम 18 के स्कोर पर तीन विकेट गंवा कर संघर्ष कर रही थी लेकिन उनकी जुझारू पारी ने इंडिया डी को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकाला। भुई ने अपने पिछले मैच में भी शतकीय पारी खेली थी।
चौथे दिन जब खेल की शुरुआत हुई तो भुई 90 के निजी स्कोर पर खेल रहे थे। इसके बाद उन्होंने अपना 19वां प्रथम श्रेणी शतक पूरा किया। तीसरे दिन इंडिया डी ने पांच विकेट के नुकसान पर 244 रन बना लिए थे, इसके बाद चौथे दिन 59 रन और जोड़ गए। हालांकि उनकी टीम की तरफ़ से सारांश जैन किसी चोट के कारण बल्लेबाज़ी करने नहीं आए।
लक्ष्य के क़रीब पहुंचने का प्रयास करने से पहले ही इंडिया बी की टीम शुरुआत में ही धराशायी हो गई। आठवें ही ओवर में उनके तीन बल्लेबाज़ पवेलियन लौट गए थे। अपने पहले दलीप ट्रॉफ़ी मैच में 181 रनों की धाकड़ पारी खेलने वाले मुशीर ख़ान शून्य के स्कोर पर ही पवेलियन लौट गए। पिछले पांच पारियों में यह तीसरा बार था, जब वह शून्य के स्कोर पर आउट हुए।