बोले, कमजोर के लिए बननी होगी आवाज
सैमी ने कैरिबियन प्रीमियर लीग (CPL) फ्रेंचाइजी सेंट लूसिया जॉक्स की ओर से आयोजित साक्षात्कार में कहा कि अगर उन्हें या उनकी टीम प्रभावित हुई है, तो वह साथ खड़े होगे और बोलेंगे। कमजोर तबके की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग दूसरों की तरह मजबूत नहीं हैं। इसलिए वे जो मजबूत स्थिति में हैं, उन्हें उनकी आवाज बननी चाहिए।
हर इंसान को समान व्यवहार करने की जरूरत
सैमी ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह एक अहम मुद्दा है और इस पर चर्चा करने की जरूरत है। यह इसलिए भी जरूरी, क्योंकि यह सामुदायिक या सांस्कृतिक नस्लवाद के बारे में नहीं है। यह एक ऐसा मामला है, जहां लोगों के रंग के आधार पर व्यक्तिगत टिप्पणियां लोग करते हैं। हमें इसे खत्म करने की कोशिश करने की जरूरत है। हर इंसान समान व्यवहार करने और पाने का हकदार है। उन्होंने आगे कहा कि आईसीसी को भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा नस्लवाद जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए।
खिलाड़ियों को नस्लवाद के मुद्दे पर शिक्षित करना चाहिए
सैमी ने कहा कि उन्हें लगता है कि इसके लिए कुछ शिक्षा की भी जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पहले भी उन्होंने एक बार कहा था कि आईसीसी भ्रष्टाचार-रोधी कार्यों पर जोर देती है। ठीक उतना ही जोर उसे नस्ल और जाति विरोधी कार्यों के लिए भी लगाया जाना चाहिए। खिलाड़ियों को नस्लवाद को लेकर भी शिक्षित किया जाना चाहिए।
सनराइजर्स पर चुप्पी साधने का लगाया आरोप
सैमी ने हाल ही में यह आरोप लगाया था कि आईपीएल के 2014 और 2015 में जब वह सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेल रहे थे, तब उनके साथी ‘कालू’ कहकर पुकारा करते थे। तब वह नहीं जानते थे कि यह नस्लवादी टिप्पणी है। इसका अर्थ उन्हें हाल ही में समझा है। उन्होंने कहा कि यह भी कहा कि अब तक इस मामले पर उनकी फ्रेंचाइजी टीम सनराइजर्स हैदराबाद ने इस बारे में उनसे कभी कोई माफी भी नहीं मांगी है। सैमी ने कहा कि नहीं, उन्हें नहीं लगता कि फ्रेंचाइजी की ओर से इस विषय पर कोई माफी मांगी गई है। उन्हें नहीं लगता है कि फेंचाइजी ने इसे देखा भी था, लेकिन यह उन पर निर्भर है।
सैमी बोले, आगे बढ़ गया हूं
आईपीएल में नस्लवादी टिप्पणी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी स्थिति है, जिसे उन्होंने हल कर लिया है। वह अब अपने जीवन में आगे बढ़ चुके हैं। सैमी ने कहा कि वह अश्वेत हैं और उन्हें इस पर बहुत गर्व है। सैमी ने जोर देकर कहा कि और ऐसा कोई तरीका भी नहीं है, जिससे कोई इंसान उन्हें दूसरों की तुलना में कम गर्व महसूस करवा सके। वह यह नहीं कह रहे हैं कि हमारे साथ कोई उच्च स्तर का व्यवहार करें, लेकिन यह जरूर कह रहे हैं कि काले लोगों के साथ बराबरी का व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि नस्लवाद के खिलाफ हमें लड़ाई जारी रखना होगा।