बदरुद्दीन ने कहा, “मैं हैरान हूं। जिसने चार मैचों में 14 विकेट लिए हैं उसे आप कैसे बाहर रख सकते हैं? आप एक तेज गेंदबाज से और क्या उम्मीद रखते हैं। मुझे लगा था कि श्रीलंका के खिलाफ आराम दिया है इसका मतलब है कि नॉकआउट मैचों में उन्हें तरोताजा रखने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मेरा आंकलन साफ तौर पर गलत साबित हुआ।”
उनसे जब पूछा गया कि शमी की बल्लेबाजी एक कारण हो सकती है क्योंकि अंत में भुवनेश्वर कुमार रन कर सकते हैं? इस पर कोच ने कहा, “सच में ? अगर आप शमी और भुवनेश्वर की बल्लेबाजी के भरोसे हो तो फिर हम हर सूरत में मैच हारेंगे।”
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उन्होंने कहा “ईमानदारी से कहूं तो, अगर शीर्ष-6 आपके लिए रन नहीं कर सकते तो बाकी के बल्लेबाज भी नहीं कर सकते। टूर्नामेंट की शुरुआत में उन्हें मौका नहीं दिया गया था लेकिन बाद में जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने अपने आप को साबित किया है। कोच ने साथ ही शमी को चोट की आशंका को भी खारिज कर दिया है।”
उन्होंने कहा, “मैंने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए मैच के बाद उनसे अंतिम बार बात की थी। मुझे लगता है कि जिस लय में वो गेंदबाजी कर रहा था वो यह बताने के लिए काफी थी कि वह पूरी तरह से फिट हैं। अगर उन्हें कल या एक दिन पहले कोई नई चोट लगी हो तो इसके बारे में मुझे नहीं पता।”