कपिल ने कहा कि प्रतिस्पर्धा जबरदस्त थी
सीएसी के चेयरमैन कपिल देव ने कहा कि सीएसी के तीनों सदस्यों ने आम सहमति से यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि रेस में अंतिम तक टॉम मूडी और माइक हेसन बने हुए थे। इन तीनों के बीच काफी जबरदस्त प्रतिस्पर्धा थी। शास्त्री काफी मार्जिन से इन्हें पछाड़ने में सफल हुए। उन्होंने बताया कि चुनाव करने के लिए कोचिंग स्किल्स, अनुभव, खेल की जानकारी, उपलब्धियां समेत अन्य कई पैरामीटर उन्हें दिए गए थे। उसका उन्होंने पूरा-पूरा ध्यान रखा। हमने इन सभी के प्रेजेंटेशन को ध्यान से सुना और उसके बाद उन्हें अंक दिए। चूंकि रवि शास्त्री इन दिनों भारतीय टीम के साथ विंडीज दौरे पर हैं, इसलिए समिति ने उनका इंटरव्यू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लिया।
सीएसी के एक और सदस्य अंशुमान गायकवाड़ ने बताया कि रवि शास्त्री पहले से से ही टीम के बारे में जानते हैं। टीम के सभी खिलाड़ियों को बेहतर तरीके से जानते हैं। वह जानते हैं कि टीम में क्या समस्याएं हैं और उन्हें दूर कैसे करना है। वह टीम के सिस्टम को भी जानते हैं। इसलिए उन्हें तरजीह दी गई। वहीं अगर दूसरे किसी को इस पद के लिए चुना जाता तो उसे सबकुछ दोबारा से शुरू करना पड़ता।
विराट की वजह से नहीं मिला पद
शुरुआत से ही ऐसी अटकलें थीं कि चूंकि रवि शास्त्री को टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का समर्थन हासिल है, इस वजह से वह इस पद पर बने रहेंगे। विंडीज दौरे पर जाने से पहले कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शास्त्री का समर्थन किया था। हालांकि इस पर टिप्पणी करते हुए सीएसी प्रमुख कपिल देव ने स्पष्ट किया कि कोच के मसले पर विराट कोहली से कोई राय नहीं ली गई है। उन्होंने आगे कहा कि अगर वह ऐसा करते तो साथ में पूरी टीम की भी राय लेते।
रवि शास्त्री, टॉम मूडी और माइक हेसन के अलावा कोच पद की रेस में टीम इंडिया के पूर्व मैनेजर लालचंद राजपूत और फील्डिंग कोच रहे रोबिन सिंह भी रेस में थे। ये दोनों आखिरी तीन में नहीं पहुंच पाए, जबकि वहीं वेस्टइंडीज के पूर्व सलामी बल्लेबाज फिल सिमंस ने अंतिम समय में अपना नाम वापस ले लिया था।