लारा ने कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( बीसीसीआई ) भारतीय खिलाड़ियों को किसी भी दूसरे देश की टी-20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता है। खेल की बेहतरी के लिए इसे बदलने की जरूरत है।
लारा ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि हर देश को अपनी नीतियां बनाने का पूरा हक है, लेकिन ग्लोबल टी-20 लीग में भारतीय खिलाड़ियों का होना नए खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में मदद करेगा।
लारा ने कहा, “मैं
बीसीसीआई या उसके खिलाड़ियों के प्रति आलोचनात्मक नहीं हो रहा हूं, लेकिन विश्व चाहता है कि भारत के कुछ बेहतरीन खिलाड़ी यहां खेलें। इसमें कोई छुपाने वाली बात नहीं है कि भारतीय खिलाड़ियों को और खिलाड़ियों से ज्यादा पसंद किया जाता है।”
वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ने कहा, “यह अच्छा होगा कि इन लीगों में अलग-अलग देशों के खिलाड़ी आएं। इससे क्रिकेट को मदद मिलेगी और मेरा काम है कि मैं स्कूल में जाकर देखूं कि हम उनकी मदद कर सकते हैं या नहीं।”
लारा ने इस बात को कबूला कि बेशक उन्हें टेस्ट क्रिकेट पसंद हो लेकिन आज की युवा पौध को खेल का सबसे छोटा प्रारूप ही भाता है।
लारा ने कहा, “टी-20 एक मात्र प्रारूप है अब खेल बदल चुका है। मैंने टी-20 नहीं खेला, मैंने टेस्ट क्रिकेट खेला है, मैं इसका लुत्फ उठाता था। टी-20 इकलौता ऐसा प्रारुप है दो बदलाव पैदा कर सकता है। यह खेल को बाकी देशों में ले जा सकता है।”