बीजीटी के दौरान उठे थे सवाल
बता दें कि 38 वर्षीय उस्मान ख्वाजा के टेस्ट करियर पर तब सवाल उठे जब वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले तीन टेस्ट मैचों में सिर्फ एक बार 20 से ऊपर का स्कोर बना सके थे। इसके बाद एमसीजी में खेले गए बाक्सिंग डे टेस्ट में उन्होंने अर्धशतक जड़ा और फिर एससीजी में उनके बल्ले से 41 रनों की पारी आई। ख्वाजा ने बीजीटी के 5 मैचों की 10 पारियों में महज 20.44 के औसत 184 रन बनाए। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 3-1 से जीती।
आगामी दौर में टीम में बड़े बदलाव होंगे- ख्वाजा
सिडनी टेस्ट में उतरी ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग इलेवन में सिर्फ एक ही खिलाड़ी 30 से कम उम्र का था। इसे लेकर उस्मान ख्वाजा ने कहा है कि आगामी दौर में टीम में बड़े बदलाव होंगे। उन्होंने कहा कि आगामी तीन-चार साल में बहुत सारे बदलाव होंगे। मैं भी पूरी तरह तैयार हूं। हालांकि मैं जब तक संभव हो तब तक खेलना चाहता हूं, लेकिन मैं ये भी जानता हूं कि बाहर निकलने का एक सही वक्त हो सकता है। मैं अभी खेल रहा हूं और सेलेक्टर्स को लगता है कि समय आ गया है तो बस आप मुझे बता दें, मैं बाहर निकल सकता हूं। ‘मैं बहुत आगे की नहीं सोच रहा’
उस्मान ख्वाजा की मंशा है कि वह अगली एशेज सीरीज भी खेलें। उन्होंने कहा कि मैं अभी भी एशेज सीरीज खेलना चाहता हूं। मैं बहुत आगे की नहीं सोच रहा। मैं बस उतना ही आगे की सोचूंगा। जब तक हम जीतते और मैं योगदान देता हूं। अभी भी मेरा शरीर अच्छा महसूस कर रहा है। उन्होंने एशिया में खेलने को लेकर कहा कि ये बस लव-हेट रिलेशनशिप की तरह है।