ये है पूरा मामला
बोर्ड ने मोहम्मद शहजाद पर एक साल के प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि अब वह एक साल तक राष्ट्रीय टीम की ओर से किसी भी प्रारूप में नहीं खेल सकेंगे। उन्होंने देश से बाहर जाने के लिए बोर्ड की अनुमति नहीं ली थी। बोर्ड ने बताया कि शहजाद पाकिस्तान के पेशावर शहर में हैं और उन्हें वहां हाल ही में ट्रेनिंग करते देखा गया है।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने शहजाद पर प्रतिबंध लगाने के दौरान यह भी कहा कि देश में ट्रेनिंग के लिए सारी सुविधाएं हैं। इसलिए ट्रेनिंग के लिए देश के किसी खिलाड़ी को किसी अन्य देश में जाने की जरूरत नहीं है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पिछले साल भी शहजाद को यह चेतावनी दी थी कि वह पूरी तरह से अफगानिस्तान में शिफ्ट हो जाएं, नहीं तो उनका कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया जाएगा। बोर्ड ने शहजाद पर जुर्माना भी लगाया था।
पेशावर में रहे हैं शहजाद कई साल
मोहम्मद शहजाद अपने जीवन के शुरुआती दौर में कई साल पेशावर के रिफ्यूजी कैंप में रह चुके हैं। हालांकि उनके माता-पिता अफगानी मूल के हैं। वह अकेले ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं, जो अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर पले-बढ़े हैं। टीम के कई और क्रिकेटर इस हालात से गुजरे हैं। शहजाद की शादी भी पाकिस्तान के पेशावर में हुई है।
यह पहली बार नहीं है, जब मोहम्मद शहजाद पर प्रतिबंध लगा है। उन पर 2017 में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने के लिए भी एक साल का प्रतिबंध लग चुका है। विश्व कप 2019 के बीच से ही स्वदेश रवाना कर दिया गया था। तब यह कारण बताया गया था कि उनके घुटने में चोट है, जबकि काबुल में एक मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि वह पूरी तरह से फिट थे। उस दौरान उनकी रोती हुई तस्वीर ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। उन्होंने कहा था कि अगर बोर्ड नहीं चाहता कि वह खेलें तो वह क्रिकेट छोड़ देंगे।