आमजन को सुकून देने वाले वाटर पार्क, चिल्ड्रन पार्क, योगा पार्क या वूमन गार्डन। अब तक आपने यही नाम सुनें होंगे। लेकिन शहर में ट्रैफिक पार्क का नाम पहली बार सुना होगा।
चूरू•Mar 29, 2023 / 01:52 pm•
Madhusudan Sharma
चूरू में ट्रैफिक पार्क: बच्चे सीखेंगे यातायात के नियम
मधुसूदन शर्मा
चूरू. आमजन को सुकून देने वाले वाटर पार्क, चिल्ड्रन पार्क, योगा पार्क या वूमन गार्डन। अब तक आपने यही नाम सुनें होंगे। लेकिन शहर में ट्रैफिक पार्क का नाम पहली बार सुना होगा। सड़क पर वाहन कैसे चलाना है। क्या सावधानियां बरतनी है। क्या-क्या यातायात नियम है। इसमें यह सब देखने और सीखने को मिलेगा। खासकर बच्चे खेल-खेल में यातायात नियमों की जानकारी हासिल कर पाएंगे। परिहवन विभाग का ये प्रोजेक्ट अस्तित्व में आ गया है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने बजट 2020-21 में ट्रेफिक पार्क की घोषणा की थी। विभाग ने शहर के आंखों के अस्पताल के पीछे सैनिक बस्ती में ट्रैफिक पार्क बनाया है। इस पर 24.17 लाख रुपए लागत आई है। इसे दो एकड़ भूमि पर बनाकर तैयार किया गया है। इस पार्क में केवल मिटटी का भराव कराया जाना बाकी है। जिला परिवहन अधिकारी ओमसिंह ने बताया कि इस पार्क से लोगों को यातायात से संबधित नियमों की जानकारी मिल सकेगी। जिससे दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।
इनके लगाए संकेतक
ट्रैफिक पार्क में जेब्रा क्रॉसिंग ट्रैफिक सिग्नल्स, रिफ्लेेक्टर, साइन बोर्ड, रोड ट्रैक, येलो लाइन, यू टर्न सहित ट्रैफिक रूल्स से जुड़ी सभी जानकारी दी गई है। सड़क सुरक्षा संबंधित संदेश डिस्प्ले भी इसमें लगाए जाएंगे। ताकि यहां आने वाले लोग और बच्चे इन्हें पढऩे के साथ ही अच्छी तरह समझ भी सकें।
इन जिलों में भी पार्क
मुख्यमंत्री ने चित्तौडगढ़़ सहित प्रदेश के 17 जिलों में ट्रैफिक पार्क के लिए कुल 580.83 लाख रुपए मंजूर कर दिए हैं। आमजन को मिनी इलेक्ट्रिक व्हीकल अथवा गोल्फ कार्ट के मॉडल, सिग्नल्स, सिम्युलेटर आदि से यातायात नियमों को करीब से समझाया सकेगा। इसमें बीकानेर, दौसा, बारां, टोंक, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, जोधपुर, जयपुर, सीकर, राजसमंद के लिए 398.08 लाख रूपए की स्वीकृति जारी की गई थी। इसके अलावा अलवर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, धौलपुर, जैसलमेर, झालावाड़, झुंझुनू, कोटा, पाली, सवाइमाधोपुर, आबूरोड (सिरोही) व उदयपुर में भी पार्क बनाया जाना है।
यह होगा लाभ
सरकार का मानना है कि यातायात नियमों के प्रति जागरूकता से ही सड़क हादसों में कमी आएगी। 16 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे बिना गियर वाले दुपहिया वाहन चला सकते हैं। स्कूलों में टू-व्हीलर लेकर आते हैं, लेकिन ज्यादातार के पास न लाइसेंस होता है और न ही नियमों की जानकारी होती है। ऐसे में इस पार्क के माध्यम से यातायात के तमाम जानकारी आसानी से मिल सकेगी और बच्चों को ज्ञान मिलेगा।
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