राजस्थान के इस चमत्कारी सैपऊ महादेव मंदिर के इस सावन करें अनोखे दर्शन
खास बात है कि सभी शिव मंदिरों की श्रद्धालु आधी परिक्रमा ही कर सकते हैं। इसके अलावा मंदिर में लड्डू गोपाल, गणेश व शालीग्राम भी स्थापति किए हुए हैं। मंदिर के पुजारी ने बताया कि सावन में यहां भक्तों की भीड़ जुटती है। श्रद्धालु जलाभिषेक व रूद्राभिषेक से भगवान आशुतोष को रिझाते हैं। महाशिवरात्रि पर मंदिर की खास सजावट की जाती है। कई आयोजन होते हैं।
12 ज्योर्तिलिंगों की परिक्रमा के बाद शिवलिंग स्थापित किए
मंदिर के निर्माण को लेकर अनूठी कहानी सामने आई। मंदिर के पुजारी पंडित सुनील मिश्र ने बताया कि पुराने जमाने में यातायात के साधनों के अभाव में श्रद्धालु ज्योर्तिलिंगों के दर्शन करने नहीं जा पाते थे। यही वजह थी कि भामाशाह गणपतराय खेमका ने मंदिर का निर्माण करवाया। इसमे सबसे रौचक तथ्य तो ये है कि मंदिर में ही शिवलिंग तराशे गए। इसके बाद सभी शिवलिंगों को सनातन आस्था के तौर पर प्रसिद्ध 12 ज्योर्तिलिंगों की परिक्रमा करवाई गई। इसके बाद 12 मंदिर बनवाकर इनकी प्राण प्रतिष्ठा करवाई गई।
भक्तों की पूरी करते मनोकामना
पंडित सुनील मिश्र के मुताबिक शहर के भक्तों की 12 महादेव मंदिर को लेकर अटूट आस्था है। श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि मंदिर में दर्शन करने से देश के सभी ज्योर्तिलिंगों की परिक्रमा का फल मिलता है। पंडित मिश्र के मुताबिक मंदिर में भगवान की पूजा करने शहर के सभी हिस्सों से भक्त आते हैं। अब मंदिर का भवन जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। कोई भामाशाह आगे आए तो मंदिर का पुर्ननिर्माण हो। ताकि प्राचीन विरासत को सहेजा जा सके।