आरोपी के खिलाफ दर्ज हैं 14 मामले
गिरफ्तार आरोपी सुरेश कुमार बुंटिया के खिलाफ जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में हत्या का प्रयास, अपहरण, मारपीट, बलात्कार जैसे जुर्म के मामले दर्ज हैं। आरोपी के खिलाफ 29 अक्टूबर 2003 को कोतवाली चूरू में मारपीट तथा 17 अक्टूबर 2004 को कोतवाली चूरू में सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट का मामला दर्ज हुआ। इसके अलावा 3 अगस्त 2005 को दूधवाखारा में हत्या के प्रयास व मारपीट का मामला दर्ज हुआ। 10 जनवरी 2008 को सरदारशहर में आबकारी अधिनियम ,4 जून 2008 को कोतवाली चूरू में मारपीट और सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट करने, चार जून 2008 आठ को दूधवाखारा थाना पुलिस में आबकारी अधिनियम , 29 सितंबर 2011 को सदर थाना चूरू में आबकारी अधिनियम तथा 5 दिसंबर 2011 को दुधवा खारा में अपहरण, हत्या, हत्या का प्रयास आर्म्स एक्ट अंतर्गत मामले दर्ज हुए। इसके अलावा एक जुलाई 2012 को हमीरवास थाने में बलात्कार व धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ। सात जुलाई 2013 को सदर थाना चूरू में आर्म्स एक्ट अंतर्गत मामला दर्ज हुआ। 9 जनवरी 2011 को पुलिस थाना हमीरवास में अपहरण मारपीट का मामला दर्ज हुआ। 8 नवंबर 2017 को मारपीट हत्या का प्रयास आर्म्स एक्ट अंतर्गत पुलिस थाना चूरू में मामला दर्ज हुआ तथा एक जनवरी 2017 को हत्या का प्रयास व मारपीट का मामला दूधवा का खारा थाना में दर्ज हुआ। आरोपी के खिलाफ उक्त थानों में कुल 14 मामले दर्ज हैं। यह भी पढ़ें – Monsoon Update 2024 : राजस्थान में अब जल्द होगी मानसून की एंट्री, आया नया अपडेट दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद तक तलाश
आरोपी सुरेश बुटियां की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विशेष टीम ने दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद तक तलाश की। उसकी सूचना पर पुलिस की टीम दिल्ली पहुंची तो वह उदयपुर व गुजरात की तरफ चला गया। इसी बीच कॉस्टेबल रमाकांत को उसके बेंगलुरु में होने की सूचना मिली। ऐसे में एजीटीएफ टीम के हेड कांस्टेबल सज्जन कुमार, राकेश कुमार व रमाकांत को बैंगलोर पहुंचे। लेकिन पुलिस का पता लगने की कारण मौके से फरार हो गया, जिसके बाद टीम ने तकनीकी सहायता से उसका पीछा शुरू किया। बेंगलुरु से रवाना होकर लगातार बिना रुके आरोपी का 23 सौ किलोमीटर तक पीछा किया गया, जिसके बाद आरोपी का पीछा करते हुए सालासर के पास पहुंचने पर आरोपी सुरेश कुमार बुंटिया को गिरफ्तार कर लिया गया।
हर दिन पढ़ता था अखबार और सुनता था खबर
आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार गत छह साल से गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी। लेकिन तू डाल-डाल में पात पात की कहावत को चरितार्थ करते हुए आरोपी पुलिस को गुमराह कर फरार हो जाता था। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह हर दिन अखबार पढ़ने के साथ-साथ टीवी चैनलों की खबरों को भी गौर से देखा था।विशेष कर चुरु पुलिस की कार्रवाई पर नजर रखता था। पुलिस की हरकत का पता चलते ही वह मौके से फरार हो जाता था।
इन्होंने निभाई महत्वपूर्ण भागीदारी
थानाधिकारी पुष्पेंद्र सिंह झाझडिया ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एजीटीएफ टीम में शामिल हेड कांस्टेबल सज्जन कुमार स्वामी निवासी सिरसी तथा राकेश कुमार निवासी राजपुरा एव कांस्टेबल रमाकांत निवासी लम्बोर की महत्वपूर्ण भागीदारी रही। इन्होंने लगातार आरोपी का पीछा किया।
हैदराबाद में दुकान खुली छोड़कर भागा
करीब तीन वर्ष पूर्व आरोपी हैदराबाद में एक दुकान में छिपा हुआ था। आईपीएस प्रशांत किरण बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लगातार निगरानी कर रही थी तथा पुलिस ने जब हैदराबाद में गिरफ्तारी के लिए दबिश दी तो वह दुकान को खुला छोड़ कर ही फरार हो गया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने बताया कि उसको पहले आभास हो गया था, जिसके कारण वह अपनी दुकान को जैसी थी वैसी छोड़कर फरार हो गया।