पोटाश की होती है सोल्यूशन माइनिंग
पोटाश में पोटेशियम के अलग-अलग साल्ट होते हैं और इसकी उपलब्धता जमीन में गहराई में होने के कारण इसका खनन सोल्यूशन माइनिंग से किया जाता है। माइनिंग की इस तकनीक में सोडियम क्लोराइड को पानी के साथ गरम कर पाइपों के सहारे जमीन में पंपिंग किया जाता है। दूसरे पाइपों से पानी को बाहर निकालेंगे जिसमें पोटाश के अवयव होंगे। इनको सेप्रेशन मेथड से अलग किया जाता है। खेती के लिए खाद के रूप में काम आने वाला पोटाश भारत में केवल राजस्थान में है। इसकी खोज के 25 साल बाद भी केन्द्र और राज्य सरकार माइनिंग शुरू नहीं कर पाई हैं। जबकि, भारत सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों डॉलर खर्च कर कनाडा, जर्मनी, फ्रांस अन्य देशों से पोटाश मंगवाना पड़ रहा है।