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Peacock Death: 15 मोरों की मौत, कारण पता नहीं, वन विभाग सवालों के घेरे में

Peacock Death: कृष्ण मृग अभयारण्य में राष्ट्रीय पक्षी मोर की एक के बाद एक 15 मौतों ने जो सवाल खड़ा किया था, उसका जवाब अब भी वन विभाग के पास नहीं है।

चूरूMar 15, 2020 / 01:34 pm

Brijesh Singh

Peacock Death: 15 मोरों की मौत, कारण पता नहीं, वन विभाग सवालों के घेरे में,Peacock Death: 15 मोरों की मौत, कारण पता नहीं, वन विभाग सवालों के घेरे में

छापर. कृष्ण मृग अभयारण्य में शनिवार को एक बार फिर 15 राष्ट्रीय पक्षियों की मौत से पूरे दिन माहौल गर्म रहा। मोरों की मौत किन कारणों से हुई, इसकी अभी जानकारी नहीं मिल पाई है। जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात आठ बजे सहायक वन संरक्षक प्रदीप चौधरी को सूचना मिली कि चाड़वास बस स्टैंड व पास की गली में 10-15 मोर मृत अवस्था में पड़े हैं । चौधरी ने तुरंत ही मौके पर जाकर देखा तो 13 मोर मृत मिले। सुबह देखा तो दो मोर और मृत मिले। इसकी सूचना मिलते ही चूरू एसीएफ राकेश दुलार कृष्ण मृग अभयारण्य पहुंचे।

उधर रात को ही जीव रक्षा संस्थान बीकानेर के अध्यक्ष मोखराम धारणिया, डूंगरगढ़ जीव रक्षा संस्थान अध्यक्ष निहालचंद, जसनाथ जीव रक्षा संस्थान अध्यक्ष किशननाथ सिद्ध, छापर नेचर गाईड विनोद नाहटा, जस्सूनाथ सिद्ध, नवरंगनाथ सिद्ध आदि लोग रात को अभयारण्य पहुंच गए। उन्होंने पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग की। इधर शनिवार सुबह वन्यजीव अधिकारियों ने चिकित्सकों की टीम बुलाकर मृत मोरों का पोस्टमार्टम करवाकर नमूने जांच के लिए भेज दिए। चिकित्सक टीम में पवन कुमार व जीवराज सिंह शामिल थे।

किसी ने नहीं उठाया फोन
जीव रक्षा संस्थान बीकानेर के अध्यक्ष मोखराम धारणिया ने कहा कि चूरू, सुजानगढ़ अधिकारियों को फोन किया था लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद अभयारण्य के प्रदीप चौधरी से बात हुई। उन्होंने तुरंत ही टीम भेजने की बात ही। इस पूरी घटना के बारे में एसीएफ, चूरू राकेश दुलार का कहना है कि जहां मोर मृत मिले उसके आसपास की जगहों का विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया। लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु या जानकारी हाथ नहीं लग पाई है। जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा।

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