उधर रात को ही जीव रक्षा संस्थान बीकानेर के अध्यक्ष मोखराम धारणिया, डूंगरगढ़ जीव रक्षा संस्थान अध्यक्ष निहालचंद, जसनाथ जीव रक्षा संस्थान अध्यक्ष किशननाथ सिद्ध, छापर नेचर गाईड विनोद नाहटा, जस्सूनाथ सिद्ध, नवरंगनाथ सिद्ध आदि लोग रात को अभयारण्य पहुंच गए। उन्होंने पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग की। इधर शनिवार सुबह वन्यजीव अधिकारियों ने चिकित्सकों की टीम बुलाकर मृत मोरों का पोस्टमार्टम करवाकर नमूने जांच के लिए भेज दिए। चिकित्सक टीम में पवन कुमार व जीवराज सिंह शामिल थे।
किसी ने नहीं उठाया फोन
जीव रक्षा संस्थान बीकानेर के अध्यक्ष मोखराम धारणिया ने कहा कि चूरू, सुजानगढ़ अधिकारियों को फोन किया था लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद अभयारण्य के प्रदीप चौधरी से बात हुई। उन्होंने तुरंत ही टीम भेजने की बात ही। इस पूरी घटना के बारे में एसीएफ, चूरू राकेश दुलार का कहना है कि जहां मोर मृत मिले उसके आसपास की जगहों का विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया। लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु या जानकारी हाथ नहीं लग पाई है। जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा।