ऐसे लोगों जिनके पास में वकीलों को देने के लिए फीस नहीं है तो प्राधिकरण वकीलों के जरिए मुकदमों की पैरवी करवाता है। गत वर्ष जिले के ग्रामीण अचंलों, जेल व अन्य स्थानों पर लगाए गए विधिक साक्षरता शिविरों के जरिए सैकड़ों लोगों को कानून व अधिकारों की जानकारी के साथ विधिक परामर्श भी दिया गया है। ये लोक अदालतें जिले के लोगों के लिए वरदान साबित हुई है।
लोक अदालतें अब त्वरित न्याय का सशक्त माध्यम बनती जा रही है।जानकारी के मुताबिक आमजन को राहत दिलाने के लिए जिले में पिछले दो साल के भीतर तहसीलों में राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया गया।इस दौरान काफी समय से लम्बित चल रहे, करीब ५७५० मामलों का निस्तारण कर आमजन लोगों को राहत दिलाई गई है।लोक अदालतों के दौरान पिछले दो साल में करोडों़ का अॅवार्ड भी पारित किया गया। चूरू जिले में वर्ष २०१८ में चार व २०१९ में पांच राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चूरू के सचिव राजेश दड़िया के मुताबिक लोक अदालतों का उद्देश्य आमजन को न्याय सुलभ करना है।पिछले वर्षों में इसके जरिए वर्षों पुराने मामलों का हल निकाला गया है।इससे न्यायालय को दूसरे अन्य संगीन अपराधों की सुनवाई में आसानी मिलती है। मामले निपटने से लोगों को भी राहत महसूस होती है।