scriptहीटवेव में ‘संजीवनी’ से कम नहीं है राबड़ी, पीने से लू का खतरा होता है कम, जानिए कैसे बनती है राजस्थानी राबड़ी | In the heatwave, 'Rabri' is no less than Sanjeevani, drinking it reduces the risk of heat stroke, know how Rajasthani Rabri is made | Patrika News
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हीटवेव में ‘संजीवनी’ से कम नहीं है राबड़ी, पीने से लू का खतरा होता है कम, जानिए कैसे बनती है राजस्थानी राबड़ी

राबड़ी के सेवन से लू लगने का खतरा बहुत ही कम रहता है । गर्मी के मौसम के राबड़ी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।

चूरूMay 27, 2024 / 05:07 pm

Santosh Trivedi

rajasthani rabdi benefits
सांखू फोर्ट. ग्रामीण क्षेत्र में राबड़ी एक बेहतर टॉनिक एवं गर्मियों का पेय पदार्थ बनकर उभर रहा है। राजस्थान का तो यह परंपरागत पेय पदार्थ है । कई लोग जहां कुल्फी आइसक्रीम और शीतल पीकर अपने शरीर की गर्मी को दूर करते है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोग राबड़ी का जमकर उपयोग करते है। राबड़ी उन्हें गर्मी से तो बचाती ही है। सब में एक स्वास्थ्य वर्धक टॉनिक का काम करती हैं। रात को बनाकर रखी राबड़ी को लोग दिनभर उपयोग करते है।

शरीर को शीतलता देती है राबड़ी

घाट (जौ) की राबड़ी गर्मियों का शीतल ही नहीं स्वास्थ्यवर्धक पेय बन रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में इसे बहुत ही पसंद किया जा रहा है। बुजुर्ग तो इसे अधिक चाव से ग्रहण करते है बुजर्गो का कहना है कि यह शरीर में शीतलता पहुचाती है। यह जौ से तैयार हो जाती है, यह सस्ता और सर्व शुलभ है।

रोटी के साथ राबड़ी

गांव के बुजर्गों का कहना है कि एक मटकी में छाछ, घाट (जौ) से राबड़ी तैयार कर के रखते थे। सुबह होने पर रोटी के साथ छाछ में बनी राबड़ी का ही उपयोग करते थे। घर में अगर कोई मेहमान आता था तो उसे भी रोटी और राबड़ी ही दी जाती थी। रोटी और राबड़ी का अच्छा संगम होता था। जो सेहत की दृष्टि से भी लाभप्रद होती है।

राबड़ी बनाने का समान

राबड़ी के बनाने में घाट (जौ), नमक, छाछ, प्याज आदि की जरूरत होती है । सोनादेवी निमीवाल, शांति देवी तथा भगवानी देवी के अनुसार राबड़ी बनाने के लिए मिट्टी की हांडी में घाट (जौ) छाछ में घोलकर धीमी आंच में पकाते है। लबे समय तक आंच पर पकने के बाद इसे आग से उतारकर रख देते है।

अमृत समान पेय है राबड़ी

सीएचसी प्रभारी डॉ आकांक्षा आबूसरिया का कहना है कि गर्मियों में सबकी परेशानियों को दूर करने का एक ही उपाय है छाछ राबड़ी। यह पेट को एकदम ठंडा रखती है और ताकत को भी बनाए रखती है। इससे पेट में गैस की समस्या नहीं होती है, यह गर्मियों में अमृत समान पेय है। स्वस्थ रहने के लिए गर्मियों में इसे जरूर लेना चाहिए।

नहीं लगती है लू

डॉ. पुरुषोत्तम निमीवाल का कहना है कि राबड़ी में विटामिन सी व बी होता हैं जिससे इयून सिस्टम को मजबूत एवं एनीमिया के लिए काफी फायदेमंद होती है। पानी की कमी को दूर करता है। राबड़ी के सेवन से लू लगने का खतरा बहुत ही कम रहता है गर्मी के मौसम के राबड़ी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए।

प्रदान करती है ऊर्जा

डाबली ढ़ाणी के अमरसिंह डेरुवाल का कहना है कि मरू प्रदेश में छाछ राबड़ी का सेवन स्वास्थ्य को काफी समय तक ऊर्जा प्रदान करता रहता है। कहीं भी बाहर काम के लिए जाते हैं प्रत्येक व्यक्ति घर से छाछ राबड़ी का कलेवा करके निकलता है फिर दिन में उसको काम के दौरान अगर पानी मिलता रहे तो उसके शरीर में किसी तरह की ऊर्जा की कमी नहीं आती है।

तरल पदार्थ और अनाज की होती है पूर्ति

नागरमल कारगवाल ने बताया कि गर्मियों के मौसम में छाछ और राबड़ी का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा रहता है । राबड़ी में शरीर के लिए आवश्यक तत्व जो कि मोटा अनाज बाजरा, मोठ, चना में होते हैं साथ ही गर्मियों में पानी की शरीर को अत्यधिक आवश्यकता पड़ती है जिसकी पूर्ति राबड़ी के द्वारा होती है अत: राबड़ी शरीर में तरल पदार्थ और अनाज दोनों की पूर्ति करनेवाला अच्छा आहार है।

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