ऐ मेरे दोस्त लौट के आ तेरे बिन जिन्दगी अधूरी है यह हिन्दी फिल्म का गाना शंकर एण्ड शंकर की दोस्ती पर फिट बैठता है। 40 वर्षों पुरानी दो दोस्तों की अमित जोड़ी एक दोस्त के निधन के बाद अब बिछड़ गई।
चूरू•Jun 06, 2023 / 12:37 pm•
Akshita Deora
ऐ मेरे दोस्त लौट के आ तेरे बिन जिन्दगी अधूरी है यह हिन्दी फिल्म का गाना शंकर एण्ड शंकर की दोस्ती पर फिट बैठता है। 40 वर्षों पुरानी दो दोस्तों की अमित जोड़ी एक दोस्त के निधन के बाद अब बिछड़ गई। शहर में दोस्ती की बेजोड़ मिसाल माने जाने वाले शंकर एंड शंकर दोनों गहरे दोस्त थे। दोनों के घर अलग अलग मौहल्ले में जब सुबह दोनों घर से निकलते थे तो शरीर पर पहने सभी कपड़े व अन्य सभी चीजे एक सामान। दोनों जहां एक जैसे कपड़े, अंगूठी, रुमाल, चश्मा, पैन यहां तक की जुराब भी एक जैसे ही पहनते थे।
वैसे तो दोनों अलग-अलग जाति से है। एक सिन्धी तो दूसरा अग्रवाल। लेकिन प्रेम सगे भाई से बढ़कर था। पिता का निधन होने पर दोनों एक साथ सिर मुंडवाते थे और दोनों एक जैसे सफेद कपड़े पहनते थे। पिछले 40 वर्षों में कहीं नहीं चूके, मगर एक साथी की मौत ने अब दोनों को अलग-अलग कर दिया। एक दोस्त का शंकरलाल प्रेमानी तो दूसरे का शंकरलाल जैसनसरिया है। दोनों ने एक साथ प्लास्टर ऑफ पेरिस का व्यापार किया तो दोनों की दोस्ती परवान चढ़ती गई। लोग इन दोनों दोस्तों के संस्मरणों को याद करके भावुक हो रहे हैं। अपने जिगरी दोस्त की मृत्यु पर शंकरलाल प्रेमानी ने अपना सिर मुंडवाया है।
Hindi News / Churu / इतना गहरा याराना कि अंगूठी से लेकर मोजे की जोड़ी भी एक जैसी, साथ कारोबार, साथ तरक्की…फिर अचानक टूटी दोस्ती