
चूरू. अमृत भारत योजना के तहत करोड़ों की लागत से शहर के रेलवे स्टेशन को मॉडल रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित करने के पुनर्विकास कार्य की गति बेहद धीमी है। जिम्मेदारों ने इस साल मार्च के अंत तक इसके लोकार्पण का दावा किया था। जबकि मौके पर स्थिति यह है कि अभी तक इसका पुरान भवन भी पूरी तरह से नहीं तोड़ा गया है। सात महीने में ठेकेदार केवल नींव ही खोद पाया है। जबकि इसके साथ ही बनने वाले रतनगढ़ व सुजानगढ़ के रेलवे स्टेशनों का काम 80 फीसदी से भी ऊपर हो चुका है। अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत 06 अगस्त 2023 को इसका वर्चुअल लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके निर्माण पर करीब 20 करोड़ खर्च होने हैं।
डिजायन बदलने से हुई देरी
रेलवे स्टेशन के आधुनिकरण का कार्य कर रही कंपनी के ठेकेदार बीकानेर निवासी शशि शर्मा ने बताया कि इसके मूल भवन का कई बार डिजायन बदलने के कारण इसके निर्माण में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि पहले इसके भवन का डिजायन अलग था। इसके बाद रेलवे के अधिकारी बदलने के कारण डिजायन फिर से बदल दिया गया। पूर्व में किए गए निर्माण को तोडऩे के कारण कंपनी को नुकसान हुआ है। इसके अलावा पीछे दो माह तक निर्माण कार्य बंद रखना पड़ा था।
ढाई हजार यात्री रोज हो रहे परेशान
जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन से रोजाना करीब ढाई हजार लोग रेल से सफर करते हैं। इस रेलवे स्टेशन से लोकल, सुपरफास्ट व साप्ताहिक ट्रेनों को मिलाकर कुल 60 ट्रेने गुजरती हैं। जो कि शहर को देश के कई महानगरों से जोड़ती हैं।
पार्किंग व सर्कुलेटिंग एरिया अटका
उत्तर पश्चिम रेलवे बीकानेर मंडल के चूरू स्टेशन पर अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकास के प्रथम चरण में करीब 8 करोड़ 21 लाख रुपए की लागत से सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित कार्य कराए जाने हैं। जिसमे पार्किंग व सर्कुलेटिंग एरिया को विकसित करने का कार्य होना हैं। मगर यह काम बीच में ही अटका है। इसके अलावा 250 मीटर लंबाई की बाउंड्री वॉल का निर्माण भी आधा ही हो पाया है।
टॉयलेट के अभाव में भटक रहे यात्री
चार प्लेटफार्म वाले इस रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं के अभाव में रेल में सफर करने वाले यात्री दर- दर भटकने को मजबूर हैं। रेलवे स्टेशन पर अभी तक एक भी टॉयलेट नहीं बना हैं। रेलवे स्टेशन के प्रवेशद्वार के निकट बनें नगरपरिषद के टॉयलेट को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर काम में लिया जा रहा है। इसमें सबसे अधिक असुविधा महिलाओं और युवतियों को हो रही है। वहीं वेटिंग रूम के अभाव में लोगों को खुले में बैठना पड़ रहा है।
ये काम भी नहीं हो पाए अभी तक शुरू
1. स्टेशन की ओर आने वाले मार्ग में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग प्रावधान, ड्रॉप ऑफ जोन, साइनेज इत्यादि में सुधार तथा सर्कुलेटिंग एरिया के सौंदर्यीकरण नहीं हो पाया है। सौंदर्यवर्धन के लिए एलईडी लाइटिंग तथा दीवारों पर आर्ट वर्क के साथ स्टेशन के वर्तमान भवन के समरूप में बड़े स्तर पर सुधार। बुकिंग ऑफिस, रिटायरिंग रूम में सुधार और पुराने स्टेशन भवन के फर्श को ऊंचा उठाकर सुधार तथा नए वेटिंग एरिया एवम नए आधुनिक टॉयलेट ब्लॉक का प्रावधान समेत दिव्यांग लोगों की पहुंच बनाने के लिए उपयुक्त साइनेज लगाना आदि कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं। यह सभी कार्य फरवरी 2024 में पूर्ण होने की संभावना है।
लोग बोले...
टॉयलेट नहीं होने से महिलाओं को रेलवे स्टेशन पर काफी परेशानी हो रही है। रेलवे स्टेशन को तोड़ तो दिया मगर, सबसे पहले जिम्मेदारों को प्लेटफार्म पर टॉयलेट का निर्माण करवाना चाहिए था। सात महीने से लोगों को परेशानी हो रही है। रेलवे स्टेशन के बाहर बनें नगरपरिषद के टॉयलेट को उपयोग में लिया जा रहा है। जो कि सफाई के अभाव में इतना गंदा है कि भीतर जाते ही उबकी आ जाए।
अलका अग्रवाल, चूरू
रेलवे स्टेशन के वर्चुअल लोकार्पण के समय पुनर्विकाय कार्य कर इसे आधुनिक मॉडल रेलवे स्टेशन में बदलने का काम पूरा होने का समय इस साल मार्च के अंत तक बताया गया था। अभी तक तो 25 फीसदी भी काम नहीं हुआ है। मार्च माह आने को है। लोग बीते सात माह से परेशान हो रहे हैं। रेलवे के अधिकारियों को जनता के बारे में भी सोचना चाहिए।
राजू चंदेलिया, चूरू
इनका कहना है :
अमृत भारत योजना के तहत करोंड़ों खर्च कर रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास कर इन्हें आधुनिक स्वरूप दिया जा रहा है। इनका निर्माण बेहतरीन हो इसके लिए रेलवे प्रयास कर रहा है। चूरू रेलवे स्टेशन के निर्माण में तकनीकी कारणों से मामूली देरी हुई। अब निर्माण कार्य तेजी से करवाया जाएगा। मई के अंत तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा।
केप्टन शशि किरण, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर - पश्चिम रेलवे
Published on:
20 Feb 2024 09:23 am
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