व्यवस्थापक की अब खैर नहीं, मामला दर्ज, सामने आएंगे राज
दी चूरू सैन्ट्रल को- ऑपरेटिव बैंक के अधीन ग्राम सेवा सहकारी समिति रामसराताल ऋण माफी में किए गए भ्रष्टाचार के विरोध में शुरू किया गया किसानों का धरना मंगलवार को समाप्त हो गया। सातवें दिन सता बिन्दुओं पर सहमति के बाद धरना उठा लिया गया लेकिन दो दिन में कार्रवाई नहीं पर नौ फरवरी से फिर से धरना देने की मांग की गई है।
व्यवस्थापक की अब खैर नहीं, मामला दर्ज, सामने आएंगे राज
सिधमुख. दी चूरू सैन्ट्रल को- ऑपरेटिव बैंक के अधीन ग्राम सेवा सहकारी समिति रामसराताल ऋण माफी में किए गए भ्रष्टाचार के विरोध में शुरू किया गया किसानों का धरना मंगलवार को समाप्त हो गया। सातवें दिन सता बिन्दुओं पर सहमति के बाद धरना उठा लिया गया लेकिन दो दिन में कार्रवाई नहीं पर नौ फरवरी से फिर से धरना देने की मांग की गई है। वहीं सिधमुख थाने में व्यवस्थापक होशियारसिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया है। मंगलवार को धरने पर पहुचें को-ऑपरेटिव बैकं के वरिष्ठ प्रबंधक हजारीराम सहारण एवं किसानों ने रामसराताल सहकारी समिति के व्यवस्थाप होशियार सिंह एवं जांच अधिकारी कन्हैयालाल पर ठोस कार्रवाई की मांग की। उसके बाद सात बिन्दुओं पर हस्ताक्षर युक्त सहमति की गई जिसमें 6 फरवरी को बैंक कर्मचारी एव पुलिस रामसराताल समिति का रिकार्ड प्रति व्यक्ति लावे, वहीं समिति के अधीन मिलने वाले आवेदन सात फरवरी को स्वयं प्रार्थी लेगा, जो जांच समिति की हुई है उसकी प्रति उमेद छिरंग को दी जाए, वहीं छह फरवरी को रामसराताल समिति का लेनदेन व्यवस्थापक होशियार सिंह नहीं करे उसके लिए बैंक अलग से कर्मचारी की व्यवस्था करें। गालड़ सहकारी समिति में तुरन्त प्रस्ताव लेकर व्यवस्थापक की नियुक्ति की जावे, 2008 से 2018 तक मृत व्यक्तियों के क्लेम राशि की सूची बैंक सात फरवरी तक रामसराताल समिति के आगे चस्पा करे, जांच कर्ता प्रत्येक खाता धारक का दस्तावेज जांच में संलग्न करें। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समिति रामसराताल के व्यवस्थापक होशियार सिंह ने समिति के अधीन नौ गावों के 500 ग्रामीणों के नाम से ऋण उठाकर लाखों रुपए का गबन किया है। वहीं जांच अधिकारी सिर्फ 18 5 किसानों के नाम पर गबन के प्रयास का आरोप लगाया है। व्यवस्थापक ने मृत व्यक्तियों के साथ ही भूमि हीन किसानों एवं समिति के जो सदस्य ही नहीं है उन व्यक्तियों के नाम से रुपए उठा लिए। ग्रामीण उमेद छिरंग, रविन्द्र सिहाग, सम्पतसिंह बेरवाल, परमवीरसिंह गोदारा, सत्यवीर सिंह, चरण सिंह ने बताया कि यदि सहमति पत्र की मागों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो ग्रामीण दुबारा नौ फरवरी से धरना प्रदशर्न करेगें।
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