फिल्मी स्टाइल में बदमाशों ने लूट की वारदात को दिया अंजाम, व्यापारी पर हमला कर 1.3 करोड़ के जेवर ले भागे
जिले के पांच सौ से ज्यादा तृतीय श्रेणी शिक्षक गृह जिले में आने के लिए पिछले छह साल से तबादलों की बाट जोह रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि पिछली सरकार ने तबादलों के लिए आवेदन तो मांग लिए पर तबादला किसी शिक्षक का नहीं किया। अब वर्तमान राज्य सरकार भी तबादलों को लेकर टालमटोल कर रही है। जबकि चित्तौड़गढ़ के अकेले माध्यमिक शिक्षा में ही शिक्षकों के लेवन वन में 132 व लेवल टू में 196 पद रिक्त चल रहे हैं।हर किसी की है पारिवारिक परेशानी
बाहरी जिलों में नौकरी कर रहे जिले के निवासी शिक्षकों की भी अलग-अलग परेशानियां सामने आ रही हैं। किसी के सामने छोटे बच्चों की परवरिश की समस्या है तो किसी के बच्चे बोर्ड की परीक्षाएं देने वाले हैं। किसी के माता-पिता और सास-ससुर वृद्धावस्था में होने से सार-संभाल की आवश्यकता है।फिलहाल तबादलों पर प्रतिबंध
पिछले काफी समय से तृतीय श्रेणी की स्थानांतरण पर प्रतिबंध है। बड़ी संख्या में जिले के निवासी शिक्षक अन्य जिलों में सेवाएं दे रहे हैं। तबादले सरकार करती हैं। प्रतिबंध कब हटेगा, इस बारे में जानकारी नहीं है।राजेन्द्र कुमार शर्मा, डीईओ, प्रारंभिक शिक्षा चित्तौड़गढ़