यह काम राजस्थान शहरी आधारभूत विकास परियोजना के पांचवें चरण में होगा। नगरीय विकास मंत्री इसका खाका तैयार कर रहे हैं और सीएम स्तर पर मुहर लगने के बाद प्रस्ताव आगे बढ़ेगा। इसके बाद मंजूरी के लिए केन्द्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनोमिक अफेयर्स के पास जाएगा। इस प्रक्रिया में करीब छह माह लगने का अनुमान है।
इन जिलों के 26 शहर शामिल
जयपुर के 12 सैटेलाइट टाउन- दूदू, चौमूं, बस्सी, बगरू, चाकसू, जोबनेर, फुलेरा, शाहपुरा, रींगस, श्रीमाधोपुर, खाटूश्यामजी, दौसा (प्रस्ताव में सीकर के शहरों और दौसा को जयपुर जोन में ही शामिल किया है)इस तरह होगा डवलपमेंट
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर 24 घंटे पेयजल आपूर्ति। सीवरेज सुविधा उपलब्ध कराने, इंडस्ट्रीयल और कृषि के लिए परिशोधित जल की उपलब्धता। ठोस कचरा प्रबंधन को प्रभावी तरीके से लागू करते हुए जीरो वेस्ट मॉडल पर काम होगा।जनप्रतिनिधि उठाएं चित्तौड़ की आवाज
विकास की दौड़ में आगे बढ़ने की आस लिए चित्तौड़गढ़ भी जनप्रतिनिधियों की ओर देख रहा है। यहां पर्यटन और खनन आधारित उद्योगों को अगर बढ़ावा दिया जाए तो चित्तौड़ भी विकास के नए आयाम छू सकता है। विश्व धरोहर में शुमार चित्तौड़ दुर्ग पर्यटन के क्षेत्र में ‘यूएसपी’ साबित हो सकता है। इसी के साथ श्रीसांवलियाजी को जोड़ते हुए धार्मिक सर्किट भी तैयार किया जा सकता है। सीमेंट के रॉ मटेरियल लाइम स्टोन व चाइना क्ले सहित अन्य तरह के पत्थर उगलने वाले चित्तौडग़ढ़ जिले के कुछ क्षेत्र में तांबा के भी भंडार मिले हैं। सरकार शहरों के इस विकास की योजना में डवलपमेंट को इनवेस्टमेंट (निवेश) से जोड़ कर देख रही है। खनिज, धार्मिक और ऐतिहासिक धाती को समेटे चित्तौड़ सरकार की मंशा पर खरा उतर सकता है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में चित्तौड़गढ़ ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को लगातार तीसरी बार सांसद चुना है। जिले के पांच में से चार विधायक भी सत्तारूढ़ दल के हैं। इनमें से एक गौतम दक तो मंत्री भी हैं। ऐसे में जिले की जनता जनप्रतिनिधियों की ओर देख रही है कि वे सरकार के सामने चित्तौड़गढ़ को भी इस योजना में शामिल करने की पैरवी करेंगे।