इस बार रबी की फसलें करीब एक लाख मीट्रिक टन रसायनिक खाद निगल जाएगी। तापमान में गिरावट के साथ ही किसानों ने रबी फसलों की बुवाई शुरू कर दी है। सोमवार को हुई बारिश के बाद दो-चार दिन के लिए बुवाई का काम रोक दिया गया है। पिछले साल जिले में 3 लाख 32 हजार 468 हैक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई हुई थी। कृषि विभाग ने इस बार जिले में 3 लाख 31 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में रबी की बुवाई का लक्ष्य तय किया है।
कृषि विभाग के अनुसार इस बार गेहूं की बुवाई 1 लाख 14 हजार हैक्टेयर में, जौ 9 हजार हैक्टेयर, चना 1.10 लाख हैक्टेयर, सरसों 66 हजार हैक्टेयर, तारामीरा 4 हजार तथा अलसी की दो हजार हैक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य तय किया गया है। अब तक चित्तौड़गढ़ क्षेत्र में 21 हजार 489 हैक्टेयर, कपासन क्षेत्र में 21 हजार 210 हैक्टेयर व बेगूं क्षेत्र में 10 हजार 633 हैक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई हो चुकी है। जिले में अब तक कुल 53 हजार 332 हैक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई हुई है, जो लक्ष्य के मुकाबले 16.11 प्रतिशत है।
रबी में 1 लाख मीट्रिक टन खाद निगल जाएगी जमीन
जिले में रसायनिक खाद का उपयोग लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पिछले साल जिले में रबी फसलों में 70 हजार 140 मीट्रिक टन रसायनिक खाद का इस्तेमाल किया गया था। जबकि इस बार कृषि विभाग के अधिकारियों को 89 हजार 550 मीट्रिक टन रसायनिक खाद का इस्तेमाल होने की संभावना है।
यह तो सिर्फ कृषि विभाग के आंकड़े हैं। हकीकत यह है कि रबी फसलों में करीब एक लाख मीट्रिक टन रसायनिक खाद की खपत हो जाएगी। जबकि विभाग के पास फिलहाल 45 हजार 437 मीट्रिक टन खाद ही उपलब्ध है। जिले में खाद की किल्लत अभी से नजर आने लग गई है। यदि मांग के मुकाबले पर्याप्त आपूर्ति नहीं होती है तो खाद की दुकानों पर किसानों को घंटों तक कतार में लगना पड़ेगा।
इनका कहना है
बुधवार को खाद की एक और रैक चित्तौड़गढ़ पहुंच जाएगी। जिले में किल्लत नहीं आएगी।
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दिनेश कुमार जागा, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार